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आंध्र उपचुनाव: कड़ी सुरक्षा के बीच भारी मतदान

आंध्र प्रदेश में नेल्लोर लोकसभा सीट व 18 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मंगलवार को भारी मतदान हुआ. कड़ी सुरक्षा के बीच लगभग 65 से 70 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया.

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जगनमोहन रेड्डी
जगनमोहन रेड्डी

आंध्र प्रदेश में नेल्लोर लोकसभा सीट व 18 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मंगलवार को भारी मतदान हुआ. कड़ी सुरक्षा के बीच लगभग 65 से 70 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया.

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नेल्लोर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 68 फीसदी तो पारकला विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 84 फीसदी और तिरुपति में सबसे कम मतदान 55 फीसदी मतदान दर्ज किया गया. अन्य चार विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 80 फीसदी तक मतदान होने की खबर है. निर्वाचन अधिकारी के मुताबिक मतदान का प्रतिशत बढ़ने की संभावना है क्योंकि शाम पांच बजे के बाद भी बड़ी संख्या में मतदाता कतारों में खड़े देखे गए.

इस उपचुनाव में खासकर महिला मतदाताओं में काफी उत्साह देखा गया. भारी मतदान को देखते हुए तीन बड़ी पार्टियों ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया. हिंसा की छोटी-मोटी घटनाओं को छोड़कर 12 जिलों में मतदान शांतिपूर्ण रहा. मतदान सुबह आठ बजे शुरू हुआ.

शुरुआती एक घंटे में करीब 10 प्रतिशत मतदान हुआ. भीषण गर्मी के बावजूद बाद में सभी मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की संख्या बढ़ती गई. 12 जिलों में फैले विधानसभा क्षेत्रों में कुछ 5,413 मतदान केंद्र बनाए गए थे.

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मुख्य निर्वाचन अधिकारी भंवरलाल ने हैदराबाद में संवाददाताओं से कहा कि मतदान अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण रहा. पारकला निर्वाचन क्षेत्र के आत्माकुर में ऑटोरिक्शों में भरकर मतदाताओं को लाने में जुटे एक समूह पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया. पुलिस की कार्रवाई के विरोध में लोगों ने पुलिस के एक वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया. वहीं पायाकाराओपेत में मतदाता सूची में नाम न मिलने से गुस्साए मतदाताओं ने निर्वाचनकर्मियों पर हमला कर दिया.

उधर, ओंगोले में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के पक्ष में मतदान के लिए अपील करते पाए जाने पर दो अधिकारियों को चुनाव ड्यूटी से हटा दिया गया. नेल्लोर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के दो गांवों में लोगों ने स्थानीय समस्याएं हल नहीं किए जाने के विरोध में मतदान का बहिष्कार किया. उदयगिरि और ओंगोले में कांग्रेस तथा वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के बीच झड़प होने की खबर है.

निर्वाचन आयोग ने निष्पक्ष व शांतिपूर्ण मतदान के लिए पर्याप्त व्यवस्था की थी. इस उपचुनाव को 2014 के चुनाव से पहले का सेमीफाइनल मुकाबला माना जा रहा है. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों सहित करीब 50,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए. इतनी ही संख्या में निर्वाचन कर्मियों की तैनाती की गई. उपचुनाव में करीब 46 लाख मतदाता से अधिक मतदाता मतदान के लिए योग्य पाए गए. उन्हें 255 उम्मीदवारों का राजनीतिक भविष्य तय करना था. इनमें से 13 उम्मीदवार नेल्लोर लोकसभा सीट पर अपना भाग्य आजमा रहे हैं.

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प्रत्येक मतदान केंद्र पर वीडियोग्राफर व पर्यवेक्षक मतदान प्रक्रिया को रिकॉर्ड करते रहे. निर्वाचन अधिकारी भी लाइव वेब कास्टिंग के जरिए मतदान पर नजर रखे रहे. ज्यादातर निर्वाचन क्षेत्रों में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी, मुख्य विपक्षी दल तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) व वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है.

तेलंगाना क्षेत्र के केवल एक विधानसभा क्षेत्र, परकला में उपचुनाव हो रहा है. यहां तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच मुख्य मुकाबला है. एक सांसद के इस्तीफा देने व कांग्रेस के 17 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद यहां उपचुनाव कराना पड़ा. तिरुपति विधानसभा सीट अभिनेता से राजनेता बने चिरंजीवी के राज्यसभा में जाने के बाद रिक्त हो गई थी. सभी निर्वाचन क्षेत्रों में मतों की गिनती शुक्रवार को होगी.

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