अबु जिंदाल की गिरफ्तारी के साथ ही पर्दाफाश हुआ हिंदुस्तान के खिलाफ रची जा रही एक बड़ी साजिश का. एक ऐसी साजिश का जिसमें हिंदुस्तान के दो अहम ठिकानों को गहरा जख्म देने की तैयारी थी.
जिंदाल ने पूछताछ में बताया है कि लश्कर फिर से मुंबई और दिल्ली में एक बड़े हमले की तैयारी में था. हमले के लिए दोनो शहरों के कुछ अहम ठिकानों को चुना जाना था. इसी हमले की तैयारी में जिंदाल को सउदी अरब भेजा गया था. वहां वो भारत और पाकिस्तान के नौजवानों को गुमराह कर हमले के लिए तैयार कर रहा था. लेकिन इससे पहले की जिंदाल अपनी साजिश में कामयाब हो पाता वो पुलिस के हत्थे चढ़ गया.
गिरफ्तारी के बाद अबु जिंदाल ने माना है कि हिंदुस्तान से भागने के बाद वो लगातार इंडियन मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैय्यबा के बीच पुल की तरह काम कर रहा था. पूछताछ में ये भी खुलासा हुआ है कि जिंदाल की वजह से ही इंडियन मुजाहिदीन ने लश्कर के साथ मिलकर हिंदुस्तान में एक के बाद एक कई हमले किए. जर्मन बेकरी ब्लास्ट, मुंबई हमला और दिल्ली के जामा मस्जिद के पास विदेशी सैलानियों पर फ़ायरिंग में जिंदाल ने ही दोनों संगठनों के बीच तालमेल बिठाने का काम किया था.
अब तक की पूछताछ में जिंदाल ने बताया है कि उसी ने पाकिस्तान के रहने वाले आदिल उर्फ़ अफ़ज़ल को आईएम के इंडिया चीफ़ शाहरुख उर्फ़ अहमद सिद्दी बप्पा से मिलवाया था. इन्हीं लोगों ने कॉमनवेल्थ गेम्स से ऐन पहले जामा मस्जिद के पास विदेशी सैलानियों पर गोलियां चलावाईं थी.