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पाक के साथ मुद्दों को निपटाने के लिए धैर्य की जरूरत: कृष्णा

भारत और पाकिस्तान के बीच विदेश सचिव स्तर की बातचीत से पहले भारत ने कहा कि पाकिस्तान के साथ मुद्दों को निपटाने में बहुत धैर्य और दृढ़ता की जरूरत है जहां कई तत्व कुछ मकसद से आतंकवाद का इस्तेमाल कर रहे हैं.

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एस एम कृष्णा
एस एम कृष्णा

भारत और पाकिस्तान के बीच विदेश सचिव स्तर की बातचीत से पहले भारत ने कहा कि पाकिस्तान के साथ मुद्दों को निपटाने में बहुत धैर्य और दृढ़ता की जरूरत है जहां कई तत्व कुछ मकसद से आतंकवाद का इस्तेमाल कर रहे हैं.

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विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने कहा कि पाकिस्तान के साथ रिश्तों में सुधार के लिए भारत उत्सुक है और दूसरी ओर से भी गंभीर प्रयास होने चाहिए, जिसका आतंकवाद से निपटने में रवैया ‘सामने वाले को देखकर फैसला करने वाला’ रहा है.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में कई ऐसे तत्व हैं जो अल्पकालिक और दीर्घकालिक उद्देश्यों की प्राप्ति के साधन के तौर पर आतंकवाद का इस्तेमाल करते हैं और इस बारे में किसी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी होगी कि विश्वास में कमी घटी है या नहीं, जिस पर कि लगातार निगरानी की जरूरत है.

कृष्णा ने कहा, ‘पाकिस्तान के साथ मुद्दों को निपटाते समय हमें सतर्क रहना होगा. हमें बहुत धैर्य तथा दृढ़ता दिखानी होगी.’ यहां चार और पांच जुलाई को विदेश सचिवों के बीच होने वाली बातचीत का जिक्र करते हुए कृष्णा ने स्पष्ट किया कि बैठक में आतंकवाद के मुद्दे पर ध्यान दिया जाएगा.

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मंत्री ने कहा, ‘जब भी द्विपक्षीय बैठक होती है हमने हमेशा आतंकवाद और आतंक से जुड़े मुद्दों पर ध्यान दिया है. हम पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ जंग में खुलकर सामने आने के लिए जोर दे रहे हैं. यह मुद्दा बातचीत में शामिल होना चाहिए और रवैया चुनिंदा नहीं होना चाहिए.’

कृष्णा ने कहा कि पाकिस्तान कहता रहा है कि वह आतंकवाद का शिकार है. उन्होंने कहा कि अपने अनुभवों को देखते हुए उसे भारत से हाथ मिलाना चाहिए ताकि आतंकवाद समाप्त हो. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पाकिस्तान कब जाएंगे, इस सवाल पर कृष्णा ने कहा कि निकट भविष्य में ऐसी कोई योजना नहीं है.

कृष्णा ने कहा कि जब भी सिंह की मुलाकात पाकिस्तान के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री से होती है उन्हें निमंत्रण दिया जाता है और रिश्तों को सामान्य करने की भारत की उत्सुकता के तहत बातचीत में ये विषय होते हैं.

उन्होंने कहा कि हालांकि जब प्रधानमंत्री की पाकिस्तान यात्रा के बारे में फैसले की बात होती है तो ‘समय की उपलब्धता’ और ‘समय की बाध्यता’ के कारकों पर ध्यान देना होगा.

विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया, ‘सिद्धांतत: निमंत्रण मंजूर कर लिया गया. यात्रा कब होगी, यह निर्भर करेगा.’

कृष्णा का खुद का पाकिस्तान यात्रा का कार्यक्रम यहां राष्ट्रपति चुनाव के चलते स्थगित कर दिया गया है और अगले कार्यक्रम के बारे में उन्होंने कहा कि नयी तारीखें जल्दी आ सकती हैं और जल्दी से जल्दी यात्रा करना प्राथमिकता में होगा.

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पाकिस्तान के साथ रिश्तों के अनेक पहलुओं पर पूछे गये सवालों पर उन्होंने कहा कि संशोधित वीजा सहमति का मसौदा तैयार कर लिया गया है और उम्मीद है कि दोनों देशों की आपसी सुविधा के आधार पर जल्दी ही इस पर दस्तखत किये जाएंगे.

कृष्णा ने पाकिस्तान में स्थिरता की वकालत करते हुए कहा कि यह भारत के भी हित में हैं. हालांकि उन्होंने पाकिस्तान में निर्णय लेने की प्रक्रिया में सेना की भूमिका पर कुछ नहीं बोला.

उन्होंने कहा, ‘उनके साथ हमारी शुभकामनाएं हैं.’

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