डीजल कारों पर कर उंचा करने के सुझावों को उल्टा कदम बताते हुए महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह ने कहा कि ऐसी पहल से देश में वाहन उद्योग की वृद्धि प्रभावित होगी.
महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह के अध्यक्ष (आटोमोटिव एंड कृषि उपकरण क्षेत्र) पवन गोयंका ने कहा, ‘मेरे ख्याल से डीजल वाहनों पर अतिरिक्त कर का विचार करना एक उल्टी सोच है.’
महंगी डीजल कार में सब्सिडी पर डीजल के उपयोग को देखते हुए डीजल कारों पर 80,000 रुपए तक अतिरिक्त कर लगाने के सुझाव दिए जा रहे है. इस बारे में महिंद्रा का कहना है कि व्यक्तिगत काम के लिए डीजल का उपयोग 0.2 फीसद से भी कम है.
गोयंका ने कहा कि किरीट पारिख की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति ने भी अपने आंकड़ों में सुधार किया है जिसने पहले कहा था कि 15 फीसद डीजल इंधन का उपयोग व्यक्तिगत डीजल वाहनों के लिए होता है. उन्होंने कहा, ‘आगामी आम बजट में वाहन क्षेत्र के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा होगा क्यों कि इससे आगामी वित्त वर्ष में उद्योग की वृद्धि पर बड़ा असर हो सकता है.’
वर्ष 2011 उद्योग के लिए अच्छा नहीं रहा है. निर्माताओं के संघ सियाम के ताजा आंकड़ों के मुताबिक घरेलू बाजारों में कारों की बिक्री 2011 में 4.24 फीसद बढ़कर 19,46,373 हो गई जो 2010 में 18,67,246 थी. वित्त वर्ष 2010-11 में कुल 21,60,153 कारों की बिक्री हुई थी जिनमें 28.42 फीसद कारें डीजल थीं और पेट्रोल कारों की संख्या 71.58 फीसद थी.