राष्ट्रपति पद के लिए डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की उम्मीदवारी लगातर मजबूत होती दिख रही है. जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि लालकृष्ण आडवाणी डॉ. कलाम की उम्मीदवारी के 'वास्तुकार' हैं और वे खुद 'हनुमान' हैं.
यूपीए सरकार के लिए लगातार मुसीबतें खड़ी करते आ रहे सुब्रमण्यम स्वामी ने खुलासा किया कि डॉ. कलाम की दावेदारी पर सबसे पहले स्वयं उन्होंने ही विचार किया था.
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि सबसे पहले उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी के पास जाकर कहा कि वे डॉ. कलाम के दोबारा राष्ट्रपति बनने की संभावना टलोलना चाहते हैं. इस पर आडवाणी ने कहा कि पहले यह पता लगाया जाए कि कौन-कौन कलाम के पक्ष में आ सकता है.
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि सबसे पहले उन्होंने यह पता लगाने का प्रयास किया कि क्या कलाम इस बात पर राजी हो सकेंगे? कलाम अपनी उम्मीदवारी के लिए राजी हो गए, पर उन्हें यह बता दिया गया कि उनके नाम पर आम सहमति मुश्किल है. स्वामी ने कलाम को यह भी बता दिया कि चुनाव में उन्हें 55 फीसदी वोट हासिल हो सकते हैं.
लालकृष्ण आडवाणी की जमकर तारीफ करते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि वे सही मायने में 'आर्किटेक्ट' हैं. स्वामी ने कहा कि वे खुद तो केवल 'हनुमान' की भूमिका में हैं.
स्वामी के मुताबिक, करीब 10 दिनों पहले लालकृष्ण आडवाणी के घर पर एनडीए की बैठक हुई थी. इसी बैठक के बाद स्वामी से डॉ. कलाम की उम्मीदवारी की संभावना तलाशने को कहा गया.
बाद में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी को विश्वास में लिया गया. यूपीए के 2 अहम सहयोगी पार्टियों से लगातार बातचीत के बाद ही लोगों ने ममता बनर्जी और मुलायम सिंह यादव का वह तेवर देखा, जिसके बाद सियासी गलियारे में लगातार हलचल मची हुई है.