scorecardresearch
 

अफगानिस्तान में अब भी आतंकवाद का खतरा: भारत

भारत ने एक बार फिर जोर देकर कहा है कि अफगानिस्तान में आतंकवाद का खतरा बरकरार है और उसे सीमा पार से वित्तीय तथा वैचारिक मदद मिल रही है. भारत ने हालांकि पाकिस्तान का नाम नहीं लिया. साथ ही उसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह अफगानिस्तान में पर्याप्त वित्तीय सहायता दे.

Advertisement
X
एस एम कृष्‍णा
एस एम कृष्‍णा

भारत ने एक बार फिर जोर देकर कहा है कि अफगानिस्तान में आतंकवाद का खतरा बरकरार है और उसे सीमा पार से वित्तीय तथा वैचारिक मदद मिल रही है. भारत ने हालांकि पाकिस्तान का नाम नहीं लिया. साथ ही उसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह अफगानिस्तान में पर्याप्त वित्तीय सहायता दे. भारत ने ये बातें यहां अफगानिस्तान पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कही. यह सम्मेलन वर्ष 2014 तक अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों की वापसी के बाद वहां की स्थितियों पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी.

Advertisement

अफगानिस्तान में पुनर्निर्माण के कार्यो को लेकर भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धताओं को रेखांकित करते हुए विदेश मंत्री कृष्णा ने कहा, 'हम अफगानिस्तान को आत्मनिर्भरता हासिल करने में सहायता कर रहे हैं, लेकिन हमें यह भी समझने की जरूरत है कि क्षेत्र में आतंकवाद को वैचारिक, बुनियादी, तार्किक व वित्तीय सहायता अब भी मिल रही है.'

पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कृष्णा ने कहा, 'अफगानिस्तान आज भी सीमा पार से आतंकवाद का खतरा झेल रहा है. सीमा पार से आतंकवाद के खतरे से वह प्रतिदिन लड़ रहा है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहायता के अभाव में इसके पास उसका सामना करने की क्षमता नहीं है.'

सम्मेलन में 80 देशों तथा विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक के साथ ही अंतरराष्ट्रीय सहायता समूहों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. वे यहां वर्ष 2012 के बाद और वर्ष 2014 में अफगानिस्तान से अमेरिका के नेतृत्व वाले उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सैनिकों की वापसी तक तथा परिवर्तन दशक (वर्ष 2015-24) के दौरान अफगानिस्तान में सतत विकास सुनिश्चित करने के उद्देश्य से चर्चा के लिए एकत्र हुए थे.

Advertisement

विभिन्न देशों तथा समूहों ने अगले चार वर्षों में अफगानिस्तान को विकास कार्यो के लिए 16 अरब डॉलर की सहायता राशि देने का वादा किया, ताकि वर्ष 2014 में विदेशी सैनिकों की वापसी के बाद भी क्षेत्र में अस्थिरता एवं अराजकता की स्थिति पर नियंत्रण किया जा सके.

कृष्णा ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय तथा पिछले दशक में यहां के पुरुषों तथा महिलाओं से मिली सहायता को सुरक्षित रखने के लिए भी समर्थन दिए जाने की आवश्यकता है.

Advertisement
Advertisement