scorecardresearch
 

भारत आज करेगा अग्नि-5 मिसाइल का परीक्षण

दुनिया के दंबगों में आज हिन्दुस्तान का भी नाम जुड़ जाएगा. आज दुनिया देखेगी हिन्दुस्तान के अग्नि-5 मिसाइल की ताकत. 5000 किलोमीटर तक मार करने वाली अग्नि-5 भारत की पहली इंटर-कॉन्टिनेन्टल बालिस्टिक मिसाइल है. अग्नि 5 का परीक्षण आज ओडिशा में किया जाएगा.

Advertisement
X

दुनिया के दंबगों में आज हिन्दुस्तान का भी नाम जुड़ जाएगा. आज दुनिया देखेगी हिन्दुस्तान के अग्नि-5 मिसाइल की ताकत. 5000 किलोमीटर तक मार करने वाली अग्नि-5 भारत की पहली इंटर-कॉन्टिनेन्टल बालिस्टिक मिसाइल है. अग्नि 5 का परीक्षण आज ओडिशा में किया जाएगा.

Advertisement

हिन्दुस्तान के मिसाइल के इतिहास में आज जुड़ेगा ऐसा अध्याय कि दुश्मनों के होश फाख्ता हो जाएंगे. भारत को लेकर खतरनाक इरादे रखने वाले आज के बाद नजर उठाने से भी कांपेंगे. मिसाइल की जो ताकत अभी दुनिया के सिर्फ चार देशों अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन के पास है, वही ताकत आज के बाद हिन्दुस्तान के पास भी होगी.

हिन्दुस्तान की जाबांज सेना बेसब्री से जिस दिन का इंतजार कर रही थी, आखिरकार वो दिन करीब आ ही गई. उड़ीसा के व्हीलर आईलैंड पर अग्नि-5 के सफल परीक्षण के बाद जल्द इस बेहतरीन मिसाइल को भारत की सेना में शामिल कर लिया जाएगा.

अग्नि-5 पर भारत को आखिर इतना नाज क्यों है?
अग्नि-5 भारत की सबसे अधिक मारक क्षमता वाली मिसाइल है. अग्नि-5 पांच हजार किलोमीटर तक दुश्मनों के नामोनिशान मिटा सकती है तो परमाणु हथियार से वार करने की इसकी क्षमता भी अचूक होगी.

Advertisement

अग्नि-5 भारत की पहली अंतर महाद्वीपीय यानी इंटरकॉन्टिनेंटल बालिस्टिक मिसाइल है. यानी आज के बाद भारत की गिनती उन 5 देशों में होगी जिनके पास है इंटरकॉन्टिनेंटल बालिस्टिक मिसाइल यानी आईसीबीएम. भारत से पहले अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन ने इंटर-कॉन्टिनेंटल बालिस्टिक मिसाइल की ताकत हासिल की है. यानी आज के बाद चीन भारत को आंख उठाकर देखने में भी कतराए तो कोई बड़ी बात नहीं होगी.

अग्नि-5 के 5000 किलोमीटर की रेंज में चीन का हर शहर आ जाएगा. पाकिस्तान की तो भारत ने कभी चिंता ही नहीं की थी लेकिन चीन हमेशा भारत के लिए परेशानी का सबब बना रहा. हजारों किलोमीटर मार करने वाले अपने मिसाइल की हेकड़ी चीन अकसर भारत को दिखाता रहा. लेकिन अब भारत ने भी चीन की हेकड़ी गुम करने का इंतजाम कर दिया है. चीन ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया का आठवां हिस्सा भारत की पहली अंतर महाद्वीपीय बालिस्टिक मिसाइल यानी अग्नि 5 की जद में होगा.

इसलिए आज जब ओडिशा के व्हीलर आईलैंड से गरजते से हुए आसमान चीरने को निकलेगी अग्नि-5 तो करोड़ों हिन्दुस्तानियों के साथ दुश्मनों की भी रहेगी इस पर नजर.

भारत के पास एक से एक खतरनाक और दुश्मनों के होश ठिकाने लगाने वाले मिसाइल हैं फिर भी अग्नि-5 की भारत को सख्त जरूरत थी. आज के बाद न चीन भारत को आंख दिखा पाएगा और न कोई और मुल्क. भारत के रक्षा तरकश में पृथ्वी, आकाश, नाग, त्रिशूल, निर्भय ब्रह्मोस जैसी न जाने कितनी खतरनाक और दुश्मनों को धूल चटाने वाली मिसाइलें हैं. लेकिन भारत को इंतजार उस ब्रह्मास्त्र का था जिसे दुनिया देखती रह जाए और उसके बाद भारत का लोहा माने. वो जरूरत पूरा करेगी भारत की पहली इंटर कॉन्टिनेन्टल बालिस्टिक मिसाइल अग्नि-5.

Advertisement

ये करीब 10 साल का फासला है जब भारत की ताकत अग्नि-1 मिसाइल से अब अग्नि 5 मिसाइल तक पहुंची है. 2002 में सफल परीक्षण की रेखा पार करने वाली अग्नि-1 मिसाइल- मध्यम रेंज की बालिस्टिक मिसाइल थी. इसकी मारक क्षमता 700 किलोमीटर थी और इससे 1000 किलो तक के परमाणु हथियार ढोए जा सकते थे. फिर आई अग्नि-2, अग्नि-3 और अग्नि-4 मिसाइलें. ये तीनों इंटरमीडिएट रेंज बालिस्टिक मिसाइलें हैं. इनकी मारक क्षमता 2000 से 3500 किलोमीटर है. और अब भारत का रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी डीआरडीओ परीक्षण करने जा रहा है अग्नि-5 मिसाइल का.

जहां तक भारत की पहली अंतर महाद्वीपीय बालिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 की खूबियों का सवाल है. तो ये करीब एक टन का पे-लोड ले जाने में सक्षम होगा. खुद अग्नि-5 मिसाइल का वजन करीब 50 टन है. अग्नि-5 की लंबाई 17 मीटर और चौड़ाई 2 मीटर है. अग्नि-5 सॉलिड फ्यूल की 3 चरणों वाली मिसाइल है. आज जब ओडिशा तट के व्हीलर आईलैंड से भारत की पहली इंटर कॉन्टिनेन्टल बालिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया जाएगा तो डीआरडीओ के प्रमुख डॉ. वी. के. सारस्वत समेत तमाम आला मिसाइल वैज्ञानिक मौजूद रहेंगे.

Advertisement
Advertisement