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‘आकाश’ मिसाइल के वायुसैनिक संस्करण का सफल परीक्षण

ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से जमीन से हवा में मार करने में सक्षम स्वदेशी आकाश मिसाइल के वायुसेना में इस्तेमाल किए जाने वाले संस्करण का सफल परीक्षण किया गया.

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आकाश
आकाश

ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से जमीन से हवा में मार करने में सक्षम स्वदेशी आकाश मिसाइल के वायुसेना में इस्तेमाल किए जाने वाले संस्करण का सफल परीक्षण किया गया.

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बीते एक पखवाड़े में यह पांचवां मौका है, जब विमान भेदी प्रणाली का परीक्षण किया गया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘आकाश मिसाइल के वायुसैनिक संस्करण का आईटीआर से परीक्षण किया गया. यह परीक्षण सफल रहा और यह सभी लक्ष्यों में भेदने में सक्षम है.’

यह विमान भेदी मिसाइल 25 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है और 60 किलोग्राम तक हथियार अपने साथ ले जा सकती है. इसे एक मोबाइल लांचर से आईटीआर के परिसर-3 से छोड़ा गया.

आकाश मिसाइल परियोजना से जुड़े रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के एक अधिकारी ने बताया कि परीक्षण बुधवार सुबह 7:57 बजे किया गया.

आकाश शस्त्र प्रणाली के थलसेना के लिए विकसित संस्करण को 2008 में सेना में शामिल किया गया था.

मिसाइल का यह परीक्षण उसी क्षेत्र से किया गया, जहां से 24, 26, 28 और एक जून को इसी तरह का परीक्षण किया गया था. एक जून को आकाश के वायुसैनिक संस्करण की दो मिसाइलों का परीक्षण किया गया था.

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रक्षा सूत्रों ने बताया, ‘इस परीक्षण के दौरान अत्याधुनिक मिसाइल का उद्देश्य गतिशील लक्ष्य को भेदना था. इस मिसाइल को मानवरहित विमान के जरिए समुद्र के ऊपर एक निश्चित ऊंचाई से छोड़ा गया.’ डीआरडीओ की बेंगलूर स्थित प्रयोगशाला ‘इलेक्ट्रानिक्स एंड रडार डेवलपमेंट इस्टैबलिशमेंट’ (एलआरडीई) की ओर से विकसित रडार ‘राजेंद्र’ के साथ आकाश एक साथ कई लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है.

‘राजेंद्र’ लक्ष्य की निगरानी करता है और एक बार उसका पता चल जाने पर वह मिसाइल को निर्देशित करने का काम करता है. डीआरडीओ ने वायुसेना और सेना के लिए आकाश मिसाइल के दोनों संस्करणों को विकसित किया है.

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