दिल्ली हाईकोर्ट ने एयर इंडिया के पायलटों की हड़ताल पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने एयरपोर्ट से 200 मीटर की सीमा में किसी तरह के धरना-प्रदर्शन पर रोक लगा दी है.
एयर इंडिया के पायलटों की हड़ताल के कारण उड़ानें रद्द हो रही हैं, जिससे मुसाफिरों की परेशानी बढ़ती ही जा रही है. केंद्रीय उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने कहा है कि एयर इंडिया लगभग दिवालिया हो चुकी है.
अजित सिंह ने कड़ा रुख अपनाते हुए बुधवार को कहा कि अगर पायलटों का यही रवैया रहा, तो एयर इंडिया की विमान सेवा बंद करने में सरकार को कोई परेशानी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि सरकार जनता और करदाताओं के पैसे को एयर इंडिया में नहीं लगाया चाहती है.
अजित सिंह ने कहा कि पायलटों को हड़ताल पर जाने से पहले नोटिस जारी करना चाहिए था. उधर, पायलटों की हड़ताल के खिलाफ एयर इंडिया ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
सामूहिक रूप से चिकित्सा अवकाश पर गए एयर इंडिया के पायलटों का विरोध बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रहा, जिसकी वजह से चार अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द करनी पड़ीं. एयर इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'पायलटों की अनुपलब्धता के कारण अब तक नई दिल्ली-सिंगापुर, नई दिल्ली-न्यूयार्क, नई दिल्ली-फ्रैंकफर्ट और मुम्बई-नेवार्क सहित चार उड़ानों को रद्द करना पड़ा. हमने यात्रियों के लिए वैकल्पिक उपाय किए हैं.'
उन्होंने बताया, 'हमने रिजर्व पायलटों को बुलाया है और अन्य उड़ानें निर्धारित समय पर हैं. यात्रियों को उनकी उड़ानों के विषय में ताजी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है.'
हालांकि अधिकारी ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि एयर इंडिया की मंगलवार शाम छह बजे तक काम पर लौटने की चेतावनी पर कितने पायलटों ने जवाब दिया.
इस बीच इंडियन पायलट्स गिल्ड (आईपीजी) के इस मुद्दे और 10 बर्खास्त पायलटों के बारे में बुधवार को चर्चा करने की सम्भावना है. मंगलवार को आईपीजी की मान्यता रद्द कर दी गई थी. गिल्ड के सूत्रों के अनुसार पायलट मुख्य श्रम आयुक्त कार्यालय के पास भी गए हैं.
एयर इंडिया प्रबंधन ने मंगलवार को लगभग 100 पायलटों के सामूहिक चिकित्सा अवकाश पर चले जाने पर कड़ा रुख अपनाते हुए 10 पायलटों को बर्खास्त करते हुए आईपीजी की मान्यता रद्द कर दी. हड़ताल की वजह से मंगलवार को चार अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को रद्द करना पड़ा था और कई का संचालन प्रभावित हुआ.
नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने एयर इंडिया के पायलटों के विरोध को 'अवैध' करार दिया था. उन्होंने कहा, 'पायलट हड़ताल पर कैसे जा सकते हैं वह भी तब जब एयर इंडिया मुसीबत में है और उबरने के पथ पर चल रही है.'
चिकित्सा अवकाश पर गए पायलट अन्य मुद्दों के अलावा बोइंग-787 ड्रीमलाइनर विमान को उड़ाने का प्रशिक्षण इंडियन एयरलाइंस के पूर्व पायलटों को देने का विरोध कर रहे हैं. सिंह ने कहा कि यह उचित नहीं है.
उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने इंडियन एयरलाइंस के पायलटों को ड्रीमलाइनर पर प्रशिक्षण देने के पक्ष में फैसला सुनाया है. अजित सिंह ने कहा, 'हड़ताली पायलट यह कैसे सोच सकते हैं कि सरकार सर्वोच्च न्यायालय के विरुद्ध जाएगी?'
पायलटों ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब एयरलाइन ने 42000 करोड़ रुपये की सहायता पैकेज हासिल करने के साथ छुट्टियों के समय में घाटे में कमी लाने की आशा कर रही है.