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एयर इंडिया के पायलटों की हड़ताल जारी, 10 उड़ानें रद्द

एयर इंडिया पायलटों का आंदोलन मंगलवार को आठवें दिन भी जारी रहने से सार्वजनिक क्षेत्र की विमान सेवा प्रदाता को 10 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द करनी पड़ी.

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एयर इंडिया पायलटों का आंदोलन मंगलवार को आठवें दिन भी जारी रहने से सार्वजनिक क्षेत्र की विमान सेवा प्रदाता को 10 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द करनी पड़ी. इस बीच, सरकार ने कहा है कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) उन पायलटों के खिलाफ कार्रवाई करेगा जिन्होंने झूठ बोलकर चिकित्सा अवकाश लिया है और काम पर नहीं आये हैं.

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एयर इंडिया ने मंगलवार सुबह दिल्ली और मुंबई से उड़ान भरने वाली करीब 10 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द किया. एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, ‘आपात योजना के तहत हमने दिल्ली-टोरोंटो, दिल्ली-न्यूयार्क मार्ग पर उड़ानों का परिचालन किया है और उम्मीद करते हैं कि और उड़ानों का मंगलवार रात परिचालन किया जाएगा.’

इधर, नागर विमानन मंत्रालय ने कहा है कि चिकित्सा अवकाश लेने वाले एयर इंडिया के पायलटों के घर डाक्टर भेजे गये थे. उनमें से अधिकतर घर पर नहीं पाये गये और न ही विमानन इकाई द्वारा गठित डाक्टरों के पैनलों के समक्ष उपस्थित हुए. नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने कहा कि डीजीसीए उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगा.

सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘अगर उन्होंने चिकित्सा अवकाश लिया है लेकिन घर पर तंदरूस्त पाये गये या घर पर उपस्थित नहीं पाये गये तो डीजीसीए उनके खिलाफ जरूरी कार्रवाई करेगा.’ पायलट ड्रीमलाइनर के प्रशिक्षण कार्यक्रम के पुनर्निर्धारण तथा कैरियर में पदोन्नति को लेकर पायलट आंदोलन कर रहे हैं और काम पर नहीं आ रहे हैं.

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मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली स्थित जिन 53 पायलटों ने बीमार होने का हवाला देते हुए चिकित्सा अवकाश लिया है, उनमें से 48 घर पर नहीं पाये गये. उनके घर पर ताला लगा था और उनसे मोबाइल पर संपर्क नहीं हो पाया. बाहर के 18 पायलटों में से नौ ने पेट में गड़बड़ी और पीठ दर्द की शिकायत की थी लेकिन डाक्टरों ने उन्हें पूरी तरह स्वास्थ्य पाया. ये सभी होटल हयात में रह रहे थे.

मंत्री ने कहा कि पायलटों को अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने का हक है लेकिन उन्हें पहले हमसे चर्चा करनी चाहिए थी. इस बीच, एयर इंडिया की सात यूनियनों ने सिंह को पत्र लिखकर पायलटों तथा प्रबंधन के बीच गतिरोध समाप्त करने की मांग की है. मामले में सिंह से हस्तक्षेप का अनुरोध करते हुए इंजीनियरों, चालक दल के सदस्यों, कमर्शियल स्टाफ तथा ग्राउंड स्टाफ से संबद्ध यूनियनों ने मौजूदा संकट के लिये विलय को जिम्मेदार ठहराया है.

हादसों की जांच को लेकर गुड़गांव पुलिस कितनी सजग है, इसकी बानगी है पिछले हफ्ते गुड़गांव के इफ्को चौक में हुआ बीएमडब्ल्यू कार हादसा. एक हफ्ते बाद भी पुलिस जांच में ये ही तय नहीं कर पाई कि हादसे का गुनहगार कौन था, और जिनपर आरोप है वो अभी भी फरार हैं.

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