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जल्द काम पर लौटें एयर इंडिया के पायलट: अजित सिंह

केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने एयर इंडिया पायलटों की हड़ताल को गैर-कानूनी बताते हुए उनसे यात्रियों और एयरइंडिया के व्यापक हित में जल्द काम पर लौटने की अपील की.

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अजित सिंह
अजित सिंह

केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने एयर इंडिया पायलटों की हड़ताल को गैर-कानूनी बताते हुए उनसे यात्रियों और एयरइंडिया के व्यापक हित में जल्द काम पर लौटने की अपील की.

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अजित ने लखनऊ चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे पर बनाये गये नये टर्मिनल का उद्घाटन करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘स्थिति को सुलझाने के लिये प्रयास किये जा रहे हैं. पायलटों से मेरी अपील है कि वे यात्रियों और कंपनी के व्यापक हित के बारे में सोचें.’

उन्होंने कहा कि पायलटों की समस्याओं पर विचार के लिये न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) धर्माधिकारी समिति की रिपोर्ट आ चुकी है, ऐसे में उनकी हड़ताल का कोई औचित्य नहीं है. पायलटों को हड़ताल समाप्त कर तुरंत काम पर लौट आना चाहिये. उच्च न्यायालय पायलटों की हड़ताल को पहले ही गैर-कानूनी करार दे चुका है.

सिंह ने कहा, ‘सरकार ने एयर इंडिया को फिर से मजबूत बनाने के लिये 30 हजार करोड़ रुपए का आर्थिक पैकेज दिया है, लेकिन केवल धन मिल जाने से स्थिति बदलने वाली नहीं है, हमें प्रतिस्पर्धी होना होगा और लागत कम करनी होगी.’ अजित ने कहा कि विगत तीन महीनों में एयर इंडिया की विश्वसनीयता बढ़ी थी, मगर हड़ताल से इसको नुकसान हुआ है. ‘यात्रियों के मन में एयर इंडिया का टिकट लेते वक्त हिचकिचाहट रहती है कि विमान आयेगा भी या नहीं.’

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बर्खास्‍त पायलटों की बहाली की सम्भावनाओं सम्बन्धी सवाल पर नागर उड्डयन मंत्री ने कहा, ‘हम बार-बार कह चुके हैं, और मैंने यह बात संसद में भी कही है कि पायलटों को काम पर वापस आना चाहिये. सरकार उनके खिलाफ कोई बदले की कार्रवाई नहीं करेगी.’ उड्डयन मंत्री ने कहा, ‘कम्पनी को क्षति पहुंचाकर अथवा यात्रियों को परेशान करके समस्या का निदान सम्भव नहीं है.’

पर्यटन गतिविधियों के लिहाज से यह चरम व्यस्तता वाला समय है ऐसे में हड़ताल से कंपनी को भारी नुकसान होगा. जो भी समस्यायें हैं उन्हें बातचीत के जरिये सुलझाया जाना चाहिये. उन्होंने पायलटों की हड़ताल से एयर इंडिया को हुए नुकसान की बात करते हुए कहा, ‘विगत तीन महीनों में ना सिर्फ इसकी विश्वसनीयता बढ़ी थी, बल्कि इसके राजस्व में भी 35 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी थी, मगर हड़ताल से सब धुल गया.’

अजित ने कहा कि यह एयर इंडिया के अस्तित्व का सवाल है, अगर कम्पनी ही नहीं रहेगी तो तनख्वाह, प्रोन्नति और वेतन वृद्धि सब निर्थक हो जाएगा. नागर विमानन क्षेत्र के समक्ष उत्पन्न आर्थिक समस्याओं के सवाल पर उन्होंने कहा कि भारत में विमान ईंधन ‘एयर टरबाइन फ्यूल (एटीएफ)’ पर 40 से 50 प्रतिशत कर लगता है जबकि दूसरे देशों में यह 30 से 35 फीसदी ही है. इसमें कमी होनी चाहिये.

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नागर उड्डयन मंत्री ने कहा, ‘अगर लागत कम नहीं की गयी तो निश्चित रूप से समस्याएं तो रहेंगी ही, बावजूद इसके यात्रियों की बढ़ती संख्या और हवाई मार्ग से बढ़ते व्यापार के मद्देनजर इस क्षेत्र का भविष्य उज्ज्वल है.’

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