गंभीर आर्थिक स्थिति और राजनीतिक चुनौतियों का सामना करने के बीच कांग्रेस कार्यसमिति की सोमवार को होने वाली बैठक में पार्टी नीत संप्रग सरकार को मजबूती प्रदान करने के लिए एक रणनीति लाये जाने की संभावना है.
बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी और इसमें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा शीर्ष मंत्री एवं नेता शामिल होंगे. इस बैठक में एक प्रस्ताव पारित किये जाने की संभावना है, जिसमें जरूरी वस्तुओं की बढ़ती कीमतों से प्रभावित आम आदमी को राहत प्रदान करने के लिए प्रभावी कदम उठाने का आह्वान किया जाएगा.
आर्थिक स्थिति की तुलना वर्ष 1991 से जा रही है. वहीं कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारक समिति की बैठक ऐसे समय में हो रही है जब कोयला ब्लॉक के आवंटन पर कैग की एक मसौदा रिपोर्ट के आधार पर सरकार विशेष रूप से प्रधानमंत्री विपक्ष के निशाने पर है.
बैठक का आयोजन ऐसे समय में हो रहा है जब भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अन्ना हजारे और रामदेव की ओर से राजधानी दिल्ली में अनशन का आयोजन किया गया है. ऐसे में जब राष्ट्रपति चुनाव अगले महीने होना निर्धारित है, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि संप्रग उम्मीदवार के बारे में निर्णय सोनिया की ओर से अन्य पार्टियों के साथ सलाह मशविरे के बाद किया जाएगा और इस पर कार्य समिति में चर्चा हो सकती है.
पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि ने संप्रग के सहयोगी दलों और यहां तक कि कांग्रेस के कुछ वर्गों के बीच असहज स्थिति उत्पन्न कर दी है. ममता बनर्जी ने हाल की वृद्धि को ‘अत्यधिक’ करार देते हुए उसे पूरी तरह से वापस लेने की मांग की है.
उत्तर प्रदेश एवं गोवा में पार्टी की हार और पंजाब में खराब प्रदर्शन के बाद कांग्रेस कार्य समिति की यह पहली बैठक है.