बाबा बर्फानी के जयकारे से गूंज उठा है पूरा अमरनाथ. सुबह सबेरे बाबा के भक्तों ने कठिन यात्रा कर उनके दर्शन का सौभाग्य प्राप्त कर लिया. सुबह 10 बजे अमरनाथ यात्रियों के पहले जत्थे ने किए बाबा बर्फानी के दर्शन. मौसम की मार यात्रा पर खूब पड़ रही है लेकिन बाबा के भक्तों का उत्साह कहीं से भी कम नही हुई है. सात बजे पहली आरती हुई इसके बाद 10 बजे आम लोगों ने बाबा के दर्शन किए.
जम्मू से लेकर कश्मीर के पहलगाम तक का इलाका बाबा बर्फानी की भक्ति के रंग में डूब चुका है. अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना हुआ, तो सबके मन में दोहरी खुशी थी. पहली खुशी पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी का दिव्य विराट रूप देखने की और दूसरी खुशी बाबा बर्फानी के पहले दर्शन का सौभाग्य मिलने की.
अमरनाथ की पवित्र गुफा तक का रास्ता खतरों से घिरा हुआ है, लेकिन श्रद्धालुओं ने अपने उत्साह से यात्रा की मुश्किलों को भी आनंद में बदल दिया है. जम्मू से रवाना होने वाले ज़्यादातर श्रद्धालु बालटाल के रास्ते ही बाबा बर्फानी के दर्शन करना चाहते हैं, जिन्हें पहलगाम के रास्ते अमरनाथ की पवित्र गुफा तक जाना है, वो दो दिन पहले से ही बेस कैंप पहुंच कर भोले के जयकारे लगा रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर सरकार और अमरनाथ श्राइन बोर्ड को उम्मीद है कि इस बार यात्रा की मियाद कम होने से भक्तों की अपार भीड़ उमड़ सकती है. उसी लिहाज से श्रद्धालुओं के ठहरने-खाने और सुरक्षा के इंतज़ाम किए जा रहे हैं.
बाबा बर्फानी के भक्तों की परीक्षा यहां का मौसम ले सकता है. बाबा बर्फानी अपने धाम पर कब बर्फ गिरा दें और कब पानी, ये कोई नहीं जानता. अब अमरनाथ यात्रियों ने खुद को पूरी तरह बाबा बर्फानी के हवाले कर दिया है. उनकी अटूट आस्था है कि जब बाबा ने बुलाया है, तो फिर कोई बला उनका क्या बिगाड़ सकती है.
इस बार की अमरनाथ यात्रा वाकई बाबा बर्फानी के भक्तों के लिए यादगार होने जा रही है. श्राइन बोर्ड ने पहली बार पवित्र गुफा में वेब कैमरे लगाए हैं, ताकि श्रद्धालु चाहे बेस कैंप में हों या फिर अमरनाथ धाम के किसी पड़ाव पर, वो पवित्र गुफा में सुबह-शाम होने वाली आरती का सीधा प्रसारण देख-सुन सकें.
सरकार ने अमरनाथ यात्रा के अंतिम पड़ाव पंचतरणी में हेलीपैड बनाया है, ताकि यात्रियों को हेलीकॉप्टर सेवा भी मिल सके और पवित्र गुफा में हिमलिंग पर भी कोई आंच ना आए.
अमरनाथ यात्रा के इतिहास में पहली बार श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं से फिटनेस सर्टिफिकेट मांगा है. 14 हज़ार फीट तक की ऊंची चढ़ाई और ऑक्सीजन की कमी के मद्देनज़र पवित्र गुफा तक जाने की इजाजत सिर्फ उन्हीं को दी जा रही है, जो पूरी तरह चुस्त-दुरुस्त हैं. प्रशासन की इस सौगात के साथ-साथ पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी भी अपने भक्तों की हर मुराद पूरी करने के लिए तैयार बैठे हैं. उनका रूप इस बार इतना विराट है कि उम्मीद जताई जा रही है कि बाबा बर्फानी आखिरी जत्थे को दर्शन दिए बिना अंतर्ध्यान नहीं होंगे.