संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के कार्टून विवाद पर एससी-एसटी आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया ने कहा है कि कपिल सिब्बल देश से माफी मांगें या इस्तीफा दें.
दूसरी ओर, कपिल सिब्बल ने मामले पर सफाई देते हुए कहा है कि एनसीईआरटी की किताब से विवादित कार्टून हटाया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार मामले की जांच करवाएगी और दोषी लोगों पर कार्रवाई करेगी.
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी डॉ. अंबेडकर का कार्टून बनाए जाने का कड़ा विरोध किया. उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
इससे पहले, एनसीईआरटी की किताब में डॉ. अंबेडकर का कथित कार्टून प्रकाशित किए जाने के मुद्दे पर भारी हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर ढाई बजे तक स्थगित कर दी गई.
यह मामला उस समय शुरू हुआ, जब मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल प्रश्नकाल में केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के बारे में कांग्रेस के डॉ. भालचंद्र मुंगेकर के पूरक प्रश्न का जवाब देने जा रहे थे. उसी समय बसपा के ब्रजेश पाठक ने एनसीईआरटी की किताब में डॉ. अंबेडकर का कथित कार्टून प्रकाशित किए जाने का मुद्दा उठाया.
पाठक ने कहा कि डॉ. अंबेडकर का अपमान किया गया है, जिससे उनकी पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि इसकी जवाबदेही सुनिश्चित की जानी चाहिए और इसके लिए जिम्मेदार व्यक्ति को इस्तीफा देना चाहिए.
उनकी पार्टी के अन्य सदस्यों तथा भाजपा, जदयू, राजद, वाम सदस्यों ने उनकी बात का समर्थन किया और अंबेडकर का कार्टून प्रकाशित किए जाने पर गहरी नाराजगी जताई. पाठक ने एनसीईआरटी की किताब के उस पन्ने की फोटोकॉपी भी सदन में दिखाई जिसमें बाबा साहेब का कथित कार्टून प्रकाशित हुआ है.
बहरहाल, यह संवेदनशील मामला और गरमाता नजर आ रहा है.