एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों में भीमराव अंबेडकर के कार्टून को लेकर संसद में हुए हंगामे के बीच मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने इस आपत्तिजनक कार्टून को लेकर माफी मांगी और कहा कि उन्होंने इस कार्टून को हटाने और इसके प्रकाशन वाली पुस्तकों का वितरण रोकने के निर्देश दे दिये हैं.
सिब्बल ने राजनीतिक दलों से अपील की कि वे इसे वोट बैंक राजनीति के लिए मुद्दा न बनायें. उन्होंने कहा, ‘मैं व्यक्तिगत तौर पर माफी मांगना चाहता हूं हालांकि 2006 में उस समय मैं मानव संसाधन विकास मंत्री नहीं था. मैं इन पुस्तकों के प्रकाशन में शामिल नहीं था.’
सिब्बल ने कहा कि इसका सवाल ही नहीं उठता कि कोई अंबेडकर को बदनाम करने या उनका मजाक बनाने की कोशिश करे क्योंकि ‘मेरा मानना है कि ऐसा करना देश के धर्म निरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ होगा.’ उन्होंने कहा कि यह मुद्दा संसद में उठने से काफी पहले उन्होंने इस प्रकरण में कार्रवाई की थी और पाठ्यपुस्तकों में प्रकाशित इस कार्टून से जुड़े पूरे मुद्दे पर विचार के लिए समिति का गठन किया था.
सिब्बल ने कहा कि यह मुद्दा उनके संज्ञान में अप्रैल के आसपास आया था और उसके बाद एनसीईआरटी से स्पष्टीकरण मांगा गया. स्पष्टीकरण मिलने के बाद, हमने 27 अप्रैल को फैसला किया कि इस कार्टून को राजनीति शास्त्र की एनसीईआरटी की पुस्तक से हटाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार ने आगे तय किया कि जिन पाठ्यपुस्तकों में यह कार्टून है, उनका वितरण नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि थोक विक्रेताओं से इस पुस्तक का वितरण बंद करने को कहा गया है.