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अनिल की कंपनियों पर सूचीबद्ध कंपनी के शेयरों में निवेश करने पर प्रतिबंध

बाजार नियामक सेबी ने अनिल अंबानी समूह की कंपनियों रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और आरएनआरएल के खिलाफ प्रतिभूति बाजार नियमों के संभावित उल्लंघन मामले को शुल्क ले कर निपटा दिया है.

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बाजार नियामक सेबी ने अनिल अंबानी समूह की कंपनियों रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और आरएनआरएल के खिलाफ प्रतिभूति बाजार नियमों के संभावित उल्लंघन मामले को शुल्क ले कर निपटा दिया है.

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सेबी ने कंपनी से 50 करोड़ रुपए का शुल्क भरवा कर इन कंपनियों के खिलाफ जांच खत्म कर दी है. मामला निपटाने के एवज में ये दोनों कंपनियां 50 करोड़ रुपये का निपटान शुल्क चुकाएंगी.

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने आपसी सहमति वाला आदेश पारित करते हुए कहा कि दोनों कंपनियां उसके नियमों और शर्तों पर सहमत हो गई हैं, जिसके बाद उसने यह मामला निपटाने का फैसला किया है. सेबी ने कहा कि दोनों कंपनियां निपटान शुल्क अदा करेंगी.

यह मामला इन कंपनियों द्वारा अनिल अंबानी समूह की एक अन्य कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस के शेयर सौदों से जुड़ा है. इसके अलावा इन कंपनियों द्वारा विदेशी निवेश नियमों के कथित उल्लंघन की भी जांच की जा रही थी.

मामला निपटान की शर्तों के तहत दोनों कंपनियां दिसंबर, 2012 तक म्यूचुअल फंड्स के अलावा किसी सूचीबद्ध कंपनी के शेयरों में निवेश नहीं कर पाएंगी. इस मामले में शामिल व्यक्ति अनिल अंबानी दिसंबर, 2011 तक बाजार में निवेश नहीं कर सकेंगे. हालांकि यह शर्त प्राथमिक बाजार, पुनखर्रीद या खुली पेशकश पर लागू नहीं होगी.

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सेबी के आदेश पर प्रतिक्रिया में रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रवक्ता ने कहा, ‘रिलायंस इन्फ्रा ने स्वैच्छिक रूप से सेबी के जून, 2010 के कारण बताओ नोटिस की कार्रवाई को निपटाने की पहल की है.’ कंपनी ने कहा है कि उसके निदेशक स्वैच्छिक रूप से पूरा निपटान शुल्क देने पर सहमत हुए हैं. इसका बोझ रिलायंस इन्फ्रा पर नहीं पड़ेगा.

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