उद्योग जगत भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे की मुहिम को व्यवस्था को बेहतर बनाने के एक अवसर के रूप में देख रहा है. उनका मानना है कि यह भ्रष्टाचार के लिये जिम्मेदार लालाफीताशाही को समाप्त कर प्रणाली को खुली और दुरुस्त बनाने का मौका है.
उद्योग मंडल एसोचैम ने प्रभावी, पारदर्शी तथा जवाबदेह शासन के लिये साहसी एवं ठोस कदम उठाने का आह्वान किया है. एसोचैम के अध्यक्ष दिलीप मोदी ने चुनाव आयोग की तर्ज पर जवाबदेह संस्थानों के गठन के सुझाव का समर्थन किया है.
हिंदुजा समूह के चेयरमैन एसपी हिंदुजा ने भ्रष्टाचार के उन्मूलन के लिये कुछ विशेष सुझाव दिये हैं. इसमें राजनीतिक दलों को व्यक्तियों तथा उद्योग जगत द्वारा दिये जाने वाले चंदे को कानूनी मान्यता देने तथा विदेशों में रखे गये धन को लेखा जोखा व्यवस्था में लाना शामिल है. उन्होंने कहा कि विदेशों में जमा कालेधन का लेखा जोखा प्रस्तुत करने वाले पर एक बार 15 से 30 प्रतिशत का कर लगाया जा सकता है जैसा कि अमेरिका तथा अन्य देशों ने किया है.
हिंदुजा ने सौदे का बेहतर बनाने तथा पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिये वस्तु एवं सेवा कर लाने का भी सुझाव दिया है.
इसके अलावा उन्होंने नई परियोजनाओं के लिये जरूरी विभागीय स्वीकृतियों की संख्या को घटाने तथा कारोबारियों को शिक्षा, स्वास्थ्य तथा जल आपूर्ति के क्षेत्र में सामाजिक बुनियादी ढांचा निर्माण करने की शर्तों पर बड़ी परियोजनाओं का ठेका दिये जाने का सुझाव दिया है.
हिंदुजा ने कहा कि राजनेताओं, नौकरशाहों तथा कारोबारियों के बीच साठगांठ को तोड़ने के लिये भी प्रयास किये जाने की जरूरत है. उनका कहना है कि इसके कारण एक समानान्तर अर्थव्यवस्था खड़ी हो गयी है.
एसपी हिंदुजा ने कहा कि सामाजिक तानेबाने, समावेशी आर्थिक वृद्धि, विदेशी निवेश तथा आंतरिक सुरक्षा पर भ्रष्टाचार का बुरा असर पड़ता है. गोदरेज समूह के चेयरमैन आदि गोदरेज ने भी परियोजनाओं पर विभागीय स्वीकृतियों की संख्या कम करने की जरूरत पर बल दिया है. उनका कहना है कि यह भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिये जरूरी है.
गोदरेज ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि भ्रष्टाचार से निपटने का बेहतर तरीका है कि कई स्तरों पर मंजूरी या विवेकाधीन निर्णय का दायरा कम किया जाए.’’ उन्होंने कहा कि वस्तुओं एवं सेवाओं की सभी सरकारी खरीद-बिक्री में पारदर्शिता लाने की जरूरत है.
यूबी समूह के चेयरमैन विजय माल्या, महिंद्रा एंड महिंद्रा के उपाध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक आनंद महिन्दा्र तथा बायोकान की चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक किरण मजूमदार शा ने सोशल मीडिया ट्विटर के जरिये अपने विचार प्रकट किये.
माल्या ने कहा, ‘‘मैं टीम अन्ना के भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन का समर्थन करता हूं. भ्रष्टाचार दूर होना चाहिए. पर इसमें धर्य बनाए रखने तथा सतर्क रुख अपनाने की जरूरत है.’’ महिन्द्रा ने 25 अगस्त को लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष तथा लोकसभा अध्यक्ष की तरफ से जारी अपील अत्यंत महत्वपूर्ण है. इसे खारिज नहीं किया जाना चाहिए.’’ इस अपील का मतलब अन्ना से अनशन तोड़ने की अपील था.
भारतीय दवा उत्पादकों के संगठन (ओपीपीआई) के अध्यक्ष रंजीत साहनी ने कहा कि भ्रष्टाचार से निपटने के उपायों पर निर्णय से पहले समुचित विचार-विमर्श जरूरी है. उन्होंने कहा, ‘‘64 साल से हमारी संसदीय प्रणाली बेहद मजबूत है और सभी उपायों पर उपयुक्त विचार विमर्श होना वाहिए. सभी विधेयकों को स्थायी समिति के पास भेजा जाना चाहिए और समिति अच्छे बिंदुओं पर विचार करेगी.’’
भारती इंटरप्राइजेज के चेयरमैन तथा समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भारती मित्तल ने अन्ना हजारे के अनशन को समाप्त करने के लिये उठाये गये कदम को एक महत्वपूर्ण क्षण बताया और लोकतंत्र के इतिहास में इसे एक नया अध्याय बताया. उन्होंने कहा, ‘‘हम देश की जनता के उत्साह तथा भ्रष्टाचार खत्म करने के लिये बड़ा कदम उठाने को लेकर सांसदों की प्रतिबद्धता की सराहना करते हैं.’’