अन्ना हजारे ने टीम अन्ना को भंग कर दिया है और उन्होंने चुनाव समिति का गठन किया है. अन्ना हजारे ने इसकी जानकारी अपने ब्लॉग के जरिए दी है. अपने ब्लॉग में उन्होंने लिखा है ‘अब क्योंकि लोकपाल की लड़ाई नहीं लड़ी जा रही है और राजनीतिक विकल्प की तलाश की जा रही है, टीम अन्ना का काम खत्म हो गया है.
टीम अन्ना कागजी तौर पर अब अस्तित्व में नहीं है, लेकिन चेहरे वही हैं. चुनाव की तैयारी के लिए जो समिति बनाई गई है, उसमें मेधा पाटकर और संतोष हेगड़े को शामिल नहीं किया गया है, लेकिन योगेन्द्र यादव टीम में शामिल किए गए है.
अन्ना ने अपने ब्लॉग में टीम अन्ना की पारी खत्म होने का एलान किया है. लेकिन नई भूमिका शुरू करते हुए साफ कर दिया है कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे.
अन्ना ने राजनीतिक विकल्प की तलाश की बात कहते हुए सवाल खड़ा किया है कि आखिर अच्छा उम्मीदवार कैसे ढूंढा जाएगा. अगर कोई पार्टी बनेगी तो इसके सदस्यों का चुनाव कैसे होगा.
अन्ना ने ये चिंता भी जाहिर की है कि आखिर भ्रष्टाचारियों को संगठन में आने देने से रोकने का क्या तरीका होगा और खर्चीले चुनाव के लिए पैसा कहां से आएगा.
अन्ना ने बाकी राजनीतिक दलों की चर्चा करते हुए सवाल पूछा है कि उन सदस्यों की निगरानी कैसे की जाएगी जो चुनाव जीतकर ईमानदारी के रास्ते से भटक जाएंगे.