अन्ना हजारे ने अनशन समाप्त करने से पहले एक बार फिर से हुंकार भरी है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए अभी लंबी लड़ाई लड़नी है.
अन्ना हजारे ने कहा कि देश में अभी भी वास्तविक लोकतंत्र नहीं आया है. उन्होंने कहा कि पिछले साल 16 अगस्त से 'देश का मालिक' फिर 'जाग' गया है, अब चोरी नहीं होगी. अन्ना हजारे ने लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि हमें जागरूक रहना है.
अन्ना हजारे ने कहा कि लोकशाही का मतलब होता है जनता का, जनता के लिए शासन, लेकिन देश में ऐसा हो नहीं रहा है. उन्होंने कहा कि गणतंत्र को लाने के लिए ही यह लड़ाई है.
अन्ना हजारे ने कहा कि उन्हें मौत का डर नहीं है, वे जान हथेली पर लेकर चलते हैं. उन्होंने कहा कि 2014 के आम चुनाव में सरकार को 'पता चल' जाएगा.उन्होंने कहा, 'मजबूत लोकपाल बिल लाओ या जाओ'.
अन्ना ने स्वीकार किया कि केवल जनलोकपाल बिल लाने से पूरा भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा. उन्होंने कहा कि सिटिजन चार्टर और राइट टू रिजेक्ट जैसे मुद्दों पर भी काम होना बाकी है. अन्ना ने देशवासियों से कहा कि लोगों को जेल भरो आंदोलन के लिए भी तैयार रहना होगा.
चुनाव में भ्रष्ट व दागी उम्मीदवारों को नकारने का अधिकार मतदाताओं को देने की वकालत करते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि संसद एवं राज्यों की विधानसभाओं में बड़ी संख्या में दागी लोग चुनकर पहुंच गए हैं. यदि उम्मीदवारों को नकारने का अधिकार मतदाताओं को मिल जाए तो इस पर रोक लगेगी.
उन्होंने कहा कि उनकी पहली लड़ाई जनलोकपाल विधेयक को लेकर है. बाद में उम्मीदवारों को नकारने के अधिकार के लिए लड़ाई लड़ी जाएगी और फिर किसानों के हक में आवाज उठाई जाएगी. इसके बाद जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने के अधिकार के लिए भी लड़ाई लड़ी जाएगी.