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राजनीतिक दल बनाने की मंशा नहीं: अन्ना

भ्रष्टाचार विरोधी अन्ना हजारे ने कहा है कि वह न तो राजनीति में आना चाहते हैं और न ही राजनीतिक दल बनाने की उनकी इच्छा है लेकिन वह 2014 के आम चुनावों में जनता द्वारा नामित 'ईमानदार' और 'अच्छे उम्मीदवार' का समर्थन करेंगे. अन्ना से कई लोगों ने राजनीति में प्रवेश कर भ्रष्ट राजनीतिज्ञों का विकल्प पेश करने का आग्रह किया था.

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अन्ना हजारे
अन्ना हजारे

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भ्रष्टाचार विरोधी अन्ना हजारे ने कहा है कि वह न तो राजनीति में आना चाहते हैं और न ही राजनीतिक दल बनाने की उनकी इच्छा है लेकिन वह 2014 के आम चुनावों में जनता द्वारा नामित 'ईमानदार' और 'अच्छे उम्मीदवार' का समर्थन करेंगे. अन्ना से कई लोगों ने राजनीति में प्रवेश कर भ्रष्ट राजनीतिज्ञों का विकल्प पेश करने का आग्रह किया था.

अन्ना ने शुक्रवार को महाराष्ट्र सदन में एक साक्षात्कार में कहा कि मैं नहीं समझता कि मुझे राजनीतिक दल बनाना चाहिए या फिर 2014 के आम चुनावों में उतरना चाहिए. मेरा हृदय इसकी इजाजत नहीं देता, लेकिन मैं लोगों को इसका विकल्प दूंगा.

जनलोकपाल विधेयक की मांग में अन्ना के तीन सहयोगी अरविंद केजरीवाल, गोपाल राय एवं मनीष सिसौदिया 25 जून से अनशन पर हैं. अन्ना पहले ही कह चुके हैं कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानेगी तो वह 29 जून से स्वयं बेमियादी अनशन पर बैठेंगे.

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अन्ना ने कहा कि मैं लोगों से कहूंगा कि उन्हें अपना नेता स्वयं चुनना चाहिए लेकिन वे सत्तारुढ़ या विपक्षी राजनीतिक दलों से नहीं होने चाहिए. लोगों को साफ चरित्र का उम्मीदवार ढूंढ़ना चाहिए जिसने समाज के लिए कुछ अच्छा किया हो.

फौजी से समाजसेवक बने अन्ना ने कहा कि हमें जरूरत है कि अच्छे लोग चुन कर संसद में जाएं क्योंकि सत्तारुढ़ या विपक्षी दलों में अच्छे नेता नहीं हैं. हमने देखा है कि कैसे सत्तारुढ़ एवं विपक्षी दलों ने वेतन बढ़ाने एवं जनलोकपाल विधेयक को रोकने के लिए हाथ मिला लिया था. उन्होंने यह बात स्वीकार की कि इस बार पिछले बार रामलीला मैदान के अनशन की तुलना में लोगों की उपस्थिति काफी कम है.

अन्ना ने कहा कि हमारा आंदोलन भीड़ जमा करने के लिए नहीं है बल्कि उन लोगों के लिए है जो समाज एवं देश के लिए काम करने को उत्सुक हैं. मुझे नहीं मालूम कि लोग क्यों नहीं आ रहे हैं लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं है. उन्होंने कहा कि देशभर में हजारों लोग अनशन कर रहे हैं.

अन्ना ने कहा कि उन्होंने कई वर्ष तक अपने गांव रालेगण सिद्धि के कमरे में अनशन किया. उन्होंने कहा कि यदि मुझे भीड़ की चिंता होती तो मैं यह अनशन बड़े मैदान पर करता.

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टीम अन्ना की मांग है कि उनके द्वारा तैयार जनलोकपाल विधेयक का प्रारूप संसद के आगामी सत्र में पारित हो. अन्ना ने सरकार को 28 जुलाई तक मांगे न मानने पर बेमियादी अनशन की धमकी दी. उन्होंने कहा कि मैं जब तक प्राण है तब तक देश से भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए अनशन करुंगा.

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