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PMO ने मुझे देशद्रोही बताया है: अन्‍ना हजारे

अन्‍ना हजारे ने प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से मिली चिट्ठी का जवाब देते हुए कहा, 'PMO की चिट्ठी में मुझे देशद्रोही बताया गया है. उन्‍होंने बताया कि पीएम की चिट्ठी अब मिली है इ‍सलिए उसका जवाब अब दे रहा हूं.

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अन्‍ना हजारे
अन्‍ना हजारे

अन्‍ना हजारे ने प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से मिली चिट्ठी का जवाब देते हुए कहा, 'PMO की चिट्ठी में मुझे देशद्रोही बताया गया है. उन्‍होंने बताया कि पीएम की चिट्ठी अब मिली है इ‍सलिए उसका जवाब अब दे रहा हूं.

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अन्‍ना ने चिट्ठी पर सवाल उठाते हुए कहा, 'अगर मैं देशद्रोही हूं तो सरकार आपकी है, आप कार्रवाई क्‍यों नहीं करते? अगर मैं देशद्रोही हूं तो मुझे जेल में क्‍यों नहीं डाल दिया जाता? अन्‍ना ने आगे बताया कि चिट्ठी में लिखा है कि टीम अन्‍ना के पीछे विदेश शक्ति का हाथ है.

उन्‍होंने कहा कि हमारे पीछे अगर कोई विदेशी शक्ति है तो सरकार उसका नाम बताए. उन्‍होंने आरोप लगाया कि लोकपाल से ध्‍यान हटाने के लिए टीम अन्‍ना पर ऐसे गलत आरोप लगाए जा रहे हैं और साजिश की जा रही है.

अन्‍ना ने कहा कि PMO हमारे ऊपर गलत आरोप लगा रहा है. उन्‍होंने सवाल किया कि जब भ्रष्‍टाचार के खिलाफ कार्रवाई हो रही है तो आखिर क्‍या वजह है कि दिन पर दिन भ्रष्‍टाचार बढ़ रहा है? अन्‍ना ने कहा कि भ्रष्‍टाचार पर सरकार की नीयत साफ नहीं है.

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हजारे ने अहमदनगर जिला स्थित अपने गांव रालेगणसिद्धि में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘सरकार भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए मजबूत लोकपाल को लेकर असमंजस की स्थिति में है. उसके इरादे ईमानदार नहीं हैं.’

उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री कार्यालय का कहना है कि लोकपाल विधेयक का मसौदा हमसे, हमारे सहयोगियों से सलाह मशविरे के बाद तैयार किया जा चुका है. वे लोगों को गुमराह कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘गत वर्ष हमारा मसौदा तैयार था, सरकार का मसौदा तैयार था. वे दोनों मसौदों को कैबिनेट के समक्ष रख सकते थे. समय नष्ट क्यों किया गया? यह स्पष्ट है कि उनमें मजबूत भ्रष्टाचार विरोधी विधेयक बनाने को लेकर इच्छाशक्ति की कमी है और वे लोगों को गुमराह कर रहे हैं.’

हजारे ने कहा कि आजादी के 65 वर्षों बाद, हम अभी भी अंग्रेजों के बनाये कानूनों का पालन कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘आधिकारिक गोपनीय कानून की क्या आवश्यकता है?’ उन्होंने कहा, ‘सरकार कह रही है, प्रधानमंत्री कार्यालय कह रहा है कि भ्रष्टाचार मिटाने के लिए कई कदम उठाये गए हैं. लोकतंत्र में जब एक कानून बनाया जाता है तो लोगों को विश्वास में लिया जाना चाहिए. यहां पर सरकार मसौदा बना रही है और कानून भी बना रही है.’

हजारे ने भ्रष्टाचार पर कोई रोक नहीं होने का कारण यह है कि सरकार के कानून में कई खामियां हैं. हजारे ने इस आरोप से इनकार किया कि उनके आंदोलन ने खर्च का लेखाजोखा नहीं दिया था. उन्होंने कहा, ‘हमने अपने खाते की लेखापरीक्षा कराकर उसे इंटरनेट पर डाल दिया है. आपकी पार्टी भी कई तरह की राशियां एकत्रित करती है, आप खातों का लेखाजोखा लोगों को उपलब्ध क्यों नहीं करा रहे हैं.’

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