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खफा अन्‍ना का पीएम के साथ वार्ता से इनकार

सरकार के खिलाफ अपने तेवर कड़े करते हुए अन्ना हजारे ने अनशन खत्म करने के लिए सरकार के साथ या यहां तक कि प्रधानमंत्री के साथ किसी तरह की बातचीत से इनकार किया है और कहा है कि वह पद्म भूषण सम्मान वापस करने के लिए भी तैयार हैं.

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सरकार के खिलाफ अपने तेवर कड़े करते हुए अन्ना हजारे ने अनशन खत्म करने के लिए सरकार के साथ या यहां तक कि प्रधानमंत्री के साथ किसी तरह की बातचीत से इनकार किया है और कहा है कि वह पद्म भूषण सम्मान वापस करने के लिए भी तैयार हैं.

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उधर, टीम अन्ना के साथ वार्ता के लिए सरकार की तरफ से किसी पहल का संकेत नहीं मिला है. टीम अन्ना ने अगले लोकसभा चुनाव में संप्रग के खिलाफ मोर्चा खोलने का संकेत देते हुए कहा कि उसका मकसद 2014 के आम चुनाव में सत्ता में ‘नये और योग्य लोगों’ को लाना है. टीम अन्ना ने भाजपा पर भी निशाना साधते हुए आरोप लगाया इससे पहले राजनीतिक हित के तहत ही उसने टीम का समर्थन किया था.

हजारे के निकट सहयोगी अरविंद केजरीवाल और गोपाल राय को डॉक्टरों ने अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी है, लेकिन उनलोगों ने इससे इनकार करते हुए कहा कि ‘वह कायर नहीं हैं कि स्वास्थ्य कारणों से अपना अनशन तोड़ देंगे.’ केजरीवाल, राय के अनशन का यह सातवां दिन है.

अनशन स्थल पर समर्थकों को संबोधित करते हुए हजारे ने कहा, ‘सरकार ने कहा कि वह मुझसे वार्ता के लिए किसी प्रतिनिधि को नहीं भेजेगी. हम नहीं चाहते कि कोई आए और हमसे वार्ता करे. हमें जरूरत नहीं कि कोई मंत्री हमसे वार्ता करने के लिए आए. यह आंदोलन हमारी मांगें माने जाने तक चलता रहेगा.’

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हजारे ने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री के साथ भी बातचीत के लिए तैयार नहीं हूं. मैं अब पद्म भूषण भी वापस कर सकता हूं.’ उन्होंने कहा, ‘मैंने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पद्मश्री लौटा दिया और वक्त आने पर पद्म भूषण भी वापस कर दूंगा. ये पुरस्कार मुझे दिये गये, मैंने मांगा नहीं. मैं देश और जनता के लिए आंदोलन कर रहा हूं.’

टीम अन्ना सदस्य प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया है कि सरकार चाहती है कि हजारे जैसे लोग मर जाएं जिससे कि ‘वो देश को लूटना जारी रखें.’ पिछली रात अपने समर्थकों द्वारा मीडिया पर किए गए हमले को लेकर अफसोस जताते हुए हजारे ने चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने फिर हिंसा की तो वह अनशन समाप्त कर देंगे.

अनशन पर बैठे टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने मीडिया के साथ र्दुव्‍यवहार की घटना को लेकर माफी मांगी लेकिन मीडिया घरानों के मालिकों पर दोष मढ़ने की कोशिश करते हुए कहा कि उन्हें यह तय करना होगा कि वह देश के साथ हैं या भ्रष्ट लोगों के साथ हैं.

भाजपा प्रमुख नितिन गडकरी के बयान का हवाला देते हुए कुमार विश्वास ने कहा, ‘उन्होंने हमारे आंदोलन का पहले समर्थन किया था लेकिन अब नहीं कर रहे हैं. मैं आपसे सिर्फ यह कहना चाहता हूं कि आप केवल इसलिए समर्थन कर रहे थे कि आपका कुछ निहित स्वार्थ था. उनकी पार्टी हमारे साथ थी क्योंकि उन्हें लगता था कि इससे पांच राज्यों में चुनाव जीतने में मदद मिलेगी.’

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बीती रात जंतरमंतर पर टीम अन्ना के समर्थकों और मीडियाकर्मियों के बीच कुछ धक्कामुक्की हुई थी. टीम अन्ना के एक सदस्य शांतिभूषण ने मीडिया पर आंदोलन को सही परिप्रेक्ष्य में पेश न करने का आरोप लगाया था जिसकी वजह से यह विवाद हुआ. ‘द ब्रॉडकास्ट एडीटर्स एसोसिएशन’ (बीईए) ने घटना की निंदा तथा टीम अन्ना से माफी की मांग की.

मीडिया से माफी मांगते हुए केजरीवाल ने कहा कि विरोध शांतिपूर्वक और अहिंसक तरीके से जारी रहना चाहिए. ‘ऐसा आचरण हम बर्दाश्त नहीं कर सकते.’ डॉक्टरों ने केजरीवाल और गोपाल राय को अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी है लेकिन दोनों ने ऐसा करने से मना कर दिया है. दोनों पिछले सात दिन से अनशन पर हैं और उनकी सेहत ठीक नहीं है.

उधर, प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सलाह पर सरकार की तरफ से हजारे को दो पत्र लिखा गया है. गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, ‘मेरी जानकारी के मुताबिक पत्र में सरकार की स्थिति स्पष्ट कर दी गयी है.’

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