राज्यसभा में लोकपाल विधेयक पर चर्चा के दौरान उच्च सदन के सभापति हामिद अंसारी के निर्णय पर टीम अन्ना ने सवाल उठाया है.
किरण बेदी ने ट्वीट किया है, ‘सभी के जीवन में ऐसे क्षण आते हैं जब वह ऊपर उठ सकता है. राज्यसभा के सभापति के लिए इतिहास बनाने के लिहाज से ऐसी एक रात थी.’ अंसारी ने लोकपाल पर चर्चा के दौरान भारी हंगामे के बीच रात 12 बजे राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी थी. विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार अल्पमत में है इसलिए मतदान से भाग रही है.
बेदी ने सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उसने इस मुद्दे पर ‘सदन की भावना’ का सम्मान करने के लिहाज से अन्य राजनीतिक दलों को शामिल करने के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं की. उन्होंने कहा कि राज्यसभा में लोकपाल विधेयक को पारित कराना कांग्रेेस की जिम्मेदारी थी क्योंकि वह सत्तारूढ़ पार्टी है.
उन्होंने कहा कि सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी पर यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि सदन की भावना का सम्मान हो. उन्हें सदन की भावना जताने के बाद काफी तैयारी करनी चाहिए थी.’ बेदी ने यह आरोप भी लगाया कि कांग्रेस ने इस मुद्दे पर अन्य राजनीतिक दलों को शामिल करने के लिए ज्यादा प्रयास नहीं किये.
उन्होंने राज्यसभा में लोकपाल विधेयक पर भाजपा नेता अरुण जेटली और राम जेठमलानी तथा कांग्रेस सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी के भाषण की सराहना की. बेदी ने कहा, ‘हम इस सरकार पर भरोसा नहीं कर सकते. शाम तक बहुत स्पष्ट था कि सरकार मत विभाजन का सामना करने के लिए तैयार नहीं है. आज बड़ा विश्वासघात हुआ है.’