टाट्रा ट्रक पर एक अखबार के नए खुलासे ने खलबली मचा दी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा मंत्री एके एंटनी को टाट्रा ट्रकों की खरीद में गड़बड़ी की जानकारी वर्ष 2009 से ही थी.
सरकार में शामिल मंत्रियों की तरफ से भी इस सिलसिले में कई बार शिकायत दर्ज कराई गई. इसके बावजूद एंटनी ने ध्यान नहीं दिया.
अखबार के मुताबिक उसके पास दस्तावेज मौजूद हैं कि हनुमनथप्पा ने सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में कहा था कि बीईएमएल के सीएमडी वीआरएस नटराजन ने 6000 करोड़ रुपये के टाट्रा ट्रकों का ठेका सीधे उत्पादन कंपनी को न देते हुए उसके ब्रिटिश एजेंट को दिया था.
उन्होंने लिखा कि यह सौदा रक्षा खरीद दिशानिर्देशों का सीधा-सीधा उल्लंघन है. इसके बाद 5 अक्टूबर 2009 को सोनिया गांधी की तरफ से स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने रक्षा मंत्रालय को चिट्ठी लिखी और इस मामले में जरूरी कदम उठाने को कहा.
22 अक्टूबर 2009 को रक्षा मंत्रालय की अपने जवाब में लिखा था कि टाट्रा ट्रक सौदे की जांच जारी है और इस मामले में जो भी कार्रवाई होगी, उसकी जानकारी आपको दी जाएगी. इस जवाब को भेजे 2 साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है और मामले की जांच का कोई नतीजा सामने नहीं आया है.