नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने एयर इंडिया हड़ताल मामले में सख्त रवैया अपनाते हुये कहा कि हड़ताली पायलटों को सरकार के समक्ष बातचीत के लिये आने से पहले यात्रियों से माफी मांगनी चाहिये और विमान उड़ान कार्य शुरू कर देना चाहिये.
सिंह ने कहा, ‘पहली प्राथमिकता यह है कि यात्रियों को लगे कि उनकी बात सुनी गई. इसलिए पायलट इसका फैसला करें. वह यात्रियों से माफी मांगे. उड़ानों का परिचालन शुरू करें.. इसके बाद ही कोई बात हो सकती है.’
उन्होंने पायलटों को याद दिलाया कि एयर इंडिया लगभग दिवालिया हो चुकी है और इस सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी के पुनरुद्धार के लिए जनता का पैसा लगाया जा रहा है. सिंह ने कहा, ‘हमारी योजना एयर इंडिया को व्यावहारिक बनाने, एयर इंडिया को उबारने और इसे मुनाफे में लाने की है, इसके लिये हम एयर इंडिया को जनता का पैसा दे रहे हैं.’
मंत्री ने कहा कि कायकल्प की प्रक्रिया में कई मुश्किलें आ सकती हैं ऐसे में विमानन कंपनियों के कर्मचारियों को धर्य रखना चाहिये. उन्होंने कहा, ‘उन्हें अपनी बात बिल्कुल ठोस तरीके से रखनी चाहिए लेकिन यात्रियों को असुविधा नहीं होनी चाहिए और न ही एयर इंडिया की विश्वसनीयता खोनी चाहिए. एयर इंडिया को धन का नुकसान नहीं होना चाहिए क्योंकि विमानन कंपनी लगभग दिवालिया हो चुकी है.’
सिंह ने कहा कि सरकार कुछ विमान चालक दल सहित पट्टे (वेट लीज) पर लेने पर विचार कर रही है. इस तरह के पट्टे में विमान चालक दल के साथ आता है. मंत्री ने कहा कि सरकार कुछ सेवानिवृत्त पायलटों के साथ संपर्क में है और इसके अलावा एयर इंडिया द्वारा परिचालित उड़ानों को भी तर्कसंगत बनाया जा रहा है.