सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ अनियमितता की शिकायतों से सम्बंधित तृणमूल कांग्रेस का पत्र सेना प्रमुख द्वारा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपे जाने के बाद विभिन्न दलों के नेताओं ने गुरुवार को एक सुर में सेना प्रमुख जनरल वी. के. सिंह पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जहां इस खुलासे के समय पर सवाल उठाए हैं, वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने कहा कि सेना प्रमुख ने लोगों का विश्वास खो दिया है. उन्हें पद से हटा देना चाहिए. मामला सेना प्रमुख द्वारा तृणमूल नेता अम्बिका बनर्जी का मई 2011 में लिखा गया पत्र सीबीआई को भेजे जाने से सम्बंधित है, जिसमें उन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह के स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (एसएफएफ) के महानिरीक्षक रहते हुए सरकारी खरीद में घोटाले का आरोप लगाया है.
वामपंथी दलों ने जहां इस मामले की जांच कराने की मांग की है, वहीं केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में भागीदार तृणमूल ने कहा है कि वह इस मुद्दे पर सरकार के साथ है. भाजपा ने एक साल पहले लिखे गए इस पत्र के अब खुलासे पर सवाल उठाए हैं.
पार्टी नेता बलबीर पुंज ने कहा, 'सांसद की शिकायत की जांच की जानी चाहिए, जिसे सेना प्रमुख ने सीबीआई के पास भेजा है. लेकिन सेना प्रमुख ने एक साल बाद इसके लिए जो समय चुना है, वह उनके व्यवहार पर सवाल खड़े करता है. उन्हें इस पर सार्वजनिक रूप से जवाब देना चाहिए.' वहीं, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा, 'सेना प्रमुख ने लोगों का भरोसा खो दिया है. देश में कोई भी उन पर यकीन नहीं करेगा. उन्हें पद से हटा देना चाहिए.'
राजद के ही एक अन्य नेता राम कृपाल यादव ने कहा, 'सेना प्रमुख मेरी समझ से परे हैं.. मुझे लगता है कि वह किसी से प्रेरित होकर ऐसा कर रहे हैं. मैं सरकार से अपील करता हूं कि उनके खिलाफ बिना किसी देरी के कार्रवाई की जाए.' इस बीच, कांग्रेस ने कहा कि यह मुद्दा रक्षा मंत्रालय पर छोड़ दिया जाना चाहिए. केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा, 'रक्षा मंत्री ने कहा है कि उचित समय पर सही निर्णय लिया जाएगा. हमें इसका इंतजार करना चाहिए। निर्णय की जानकारी दी जाएगी.'