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शिवसेना नेता की हत्या के मामले में गवली दोषी करार

महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) की एक विशेष अदालत ने शिवसेना नेता और निगम पाषर्द रहे कमलाकर जामसंदेकर की हत्या के मामले में गैंग्स्टर से राजनीतिज्ञ बने अरुण गवली को दोषी करार दिया है.

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अरुण गवली
अरुण गवली

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महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) की एक विशेष अदालत ने शिवसेना नेता और निगम पाषर्द रहे कमलाकर जामसंदेकर की हत्या के मामले में गैंग्स्टर से राजनीतिज्ञ बने अरुण गवली को दोषी करार दिया है.

इस मामले में अदालत ने 11 अन्य आरोपियों को दोषी करार दिया. आगामी 27 अगस्त को दोषियों को सजा सुनायी जाएगी. मामले की सुनवाई के दौरान बाला सुर्वे नाम के एक आरोपी की मौत हो गयी जबकि तीन आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया.

साल 2008 के मार्च महीने में जामसंदेकर को उपनगरीय घाटकोपर इलाके में स्थित उनके आवास पर गोली मार दी गयी थी. गवली को 21 मई 2008 को गिरफ्तार किया गया जिसके बाद से वह जेल में बंद है.

सात अक्तूबर 2010 को अदालत ने गवली एवं अन्य आरोपियों के खिलाफ मकोका के अलावा आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 34 (एक जैसी मंशा) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत आरोप तय किए थे. हालांकि, गवली और अन्य आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताया था.

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पुलिस के मुताबिक, जामसंदेकर की हत्या की सुपारी कथित तौर पर आरोपी साहेबराव भिंतड़े और बाला सुर्वे ने दी थी. भिंतड़े और सुर्वे के बारे में कहा जाता है कि वे इमारतों के निर्माण के व्यापार और स्थानीय राजनीति में जामसंदेकर के प्रतिद्वंदी थे.

अभियोजन पक्ष के मुताबिक, जामसंदेकर को गवली के इशारे पर मौत के घाट उतारा गया. गवली ने सह-आरोपियों के साथ शिवसेना नेता को मारने की साजिश रची.

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