असम के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने गुरुवार को असम और पूर्वोत्तर के अन्य हिस्सों के छात्रों और लोगों से अपील की कि वे भयभीत होकर अपने गृह राज्य लौटने से बचें और साथ ही कहा कि अज्ञात शक्तियां निचले असम में हिंसा को बढ़ावा दे रही हैं और केंद्र तथा राज्य सरकारों को अस्थिर करने का प्रयास कर रही हैं. गोगोई ने कहा कि यह सही है कि कुछ शक्तियां ऐसी हैं जो केंद्र तथा राज्य सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही हैं.
राज्य सरकार के खिलाफ भी साजिश हो रही है, ऐसी शक्तियां हैं. मैं इसका खंडन नहीं करता हूं. उन्होंने कहा कि कुछ लोग लिखित संदेशों का इस्तेमाल और अन्य तरीकों से भय पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. यह न केवल हिंसा प्रभावित इलाकों में बल्कि पूर्वोत्तर के छात्रों और पेशेवरों को भेजा जा रहा है जो आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों में रह रहे हैं. गोगोई ने कहा कि यह सही है कि अफवाहें कई समस्याएं पैदा करती हैं. हम इन चीजों को खत्म करने के तरीकों की तलाश कर रहे हैं.
गोगोई ने कहा कि वे विशेष रूप से कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में रह रहे लोगों और छात्रों से अपील करेंगे कि वे भयभीत नहीं हो और वापस आने की जल्दबाजी नहीं करें. अफवाहें उड़ रही हैं लेकिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गृहमंत्री ने सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से निजी रूप से बातचीत की है. पलायन अफवाहों का नतीजा है. मुख्यमंत्री का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब ऐसी खबरें आ रही थी कि लोग, विशेषकर छात्र निचले असम में व्यापक हिंसा के बाद बदले की कार्रवाई के डर से बड़ी संख्या में पलायन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मंत्रियों का एक दल शुक्रवार को कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जायेगा और आश्वासन दिया कि डर की कोई जरूरत नहीं है. गोगोई ने कहा कि स्थिति सामान्य है.
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार बड़ी संख्या में एक साथ भेजे जाने वाले एसएमएस पर आंशिक रोक लगाने पर विचार कर रही है, इस पर गोगोई ने कहा कि हम इस पर यह देखने के लिये विचार कर रहे हैं हम कानूनी रूप से कहां तक जा सकते हैं. हमने कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है. उन्होंने स्वीकार किया कि नयी तकनीक ने समस्याएं पैदा की हैं. गोगोई ने बोडोलैंड क्षेत्रीय स्वायत्त जिले में हाल ही में हुई हिंसा के बारे में कहा कि स्थिति धीरे धीरे सामान्य हो रही है.