असम में हाल ही में हुई हिंसा में शामिल होने के आरोप में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के सहयोगी दल बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के एक विधायक को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया और उन पर सांप्रदायिक हिंसा को भड़काने का आरोप लगाया है.
वहीं एक मुस्लिम संगठन द्वारा किये गये बंद के आह्वान से निचले असम में आम जनजीवन प्रभावित हुआ है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कोकराझार (पश्चिम) विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रदीप ब्रह्मा उर्फ गारा को कोकराझार शहर के निकट डोटोमा में उनके घर से रात लगभग एक बजे गिरफ्तार किया गया.
सूत्रों ने बताया कि विभिन्न थानों में गारा के खिलाफ सात मामले दर्ज किये गये हैं. इस गिरफ्तारी और बुधवार को पड़ोसी धुबरी जिले में हिंसा के बाद कोकराझार जिले में अनिश्चितकालीन कफ्र्यू लगा दिया गया है. बुधवार को हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई थी. सेना ने जिले में फ्लैग मार्च किया जबकि गारा के समर्थकों ने रेलवे पटरियों और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 पर बाधा डाली.
बीपीएफ बोडोलैंड क्षेत्रीय स्वायत्त जिले में सत्तारूढ़ है और इसके प्रमुख हगराम मोहिलारी हैं. उल्लेखनीय है कि निचले असम के जिलों कोकराझार, धुबरी, चिरांग और बोंगइगांव में भड़की हिंसा में 80 से अधिक लोग मारे गये और करीब चार लाख लोगों को बेघर होना पड़ा.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस बीच एक नये संगठन मुस्लिम युवा परिषद द्वारा आहूत बंद के कारण निचले असम में आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है और स्कूल, दुकानें, व्यवसायिक प्रतिष्ठान और वित्तीय संस्थान बंद हैं जबकि राजमार्गो पर यातायात बहुत कम है.
बंद का रेल सेवाओं पर असर नहीं पड़ा है. मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने का आह्वान किया है. गोगोई ने स्वीकार किया कि राहत शिविर क्षमता से ज्यादा भरे हुये हैं और कुछ लोगों को यहां से हटाने और समुचित जन सुविधाओं की जरूरत है. घरों और संपत्ति को हुये नुकसान को देखते हुये समाज के सदस्यों ने सरकार से अनुरोध किया है कि वह अवैध हथियार जब्त करे.