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असम में हिंसा जारी, राजनीतिक दलों ने सरकार को घेरा

असम के कोकराझार और चिरांग जिलों में पिछले एक सप्ताह से जारी हिंसा में बुधवार को भी कोई कमी नहीं आई. चिरांग जिले से तीन और शव बरामद किए गए, जबकि मंगलवार रात दंगाइयों ने जिले के पांच गांवों में घरों को आग लगा दी.

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असम के कोकराझार और चिरांग जिलों में पिछले एक सप्ताह से जारी हिंसा में बुधवार को भी कोई कमी नहीं आई. चिरांग जिले से तीन और शव बरामद किए गए, जबकि मंगलवार रात दंगाइयों ने जिले के पांच गांवों में घरों को आग लगा दी.

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यद्यपि कोकराझार जिले में 48 घंटे से ठप रेल यातायात आंशिक तौर पर बहाल हो गया. उधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एवं मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने केंद्र एवं राज्य सरकार को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कड़ी आलोचना की.

इस बीच, सेना के जवानों ने तनावग्रस्त क्षेत्र में फ्लैग मार्च किया. वहीं, पुलिस ने दावा किया कि कोकराझार एवं धुबरी जिलों में स्थिति में सुधार हुआ है. सेना ने बोडोलैंड टेरिटोरियल एरिया डिस्ट्रिक्ट (बीटीएडी) क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले चार जिलों- कोकराझार, चिरांग, बक्सा तथा उदालगुरी क्षेत्र में फ्लैग मार्च किया.

कोकराझार और चिरांग जिलों में बोडो जनजाति तथा बांग्ला भाषी मुसलमानों के बीच 19 जुलाई को शुरू हुई हिंसा में अब तक 40 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों लोगों ने अपना घर छोड़कर जिला प्रशासन के शिविरों में या अन्य सुरक्षित स्थानों पर शरण ली है.

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दंगाइयों ने चिरांग जिले के पांच गांवों- माखनगुड़ी, गोयारीपारा, चोइराबाड़ी, माजराबाड़ी तथा भाओरागुड़ी के खाली घरों में मंगलवार रात आग लगा दी. वहीं, पुलिस का दावा है कि कोकराझार तथा धुबरी में स्थिति में सुधार हुआ है.

पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) एल. आर. बिश्नोई ने बताया, 'कोकराझार एवं धुबरी जिलों में स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन चिरांग जिले में अब भी तनाव होने की रिपोर्ट है. जिले से और अधिक शव बरामद किए गए.' इस बीच, केंद्रीय सचिव (पूर्वोत्तर) शम्भू सिंह ने भी कोकराझार के हिंसाग्रस्त क्षेत्र का दौरा किया. उन्होंने हिंसा में 'बांग्लादेशी तत्वों' का हाथ होने से इनकार किया.

उन्होंने कहा कि स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. सशस्त्र बलों की 44 अतिरिक्त कम्पनियां यहां के लिए रवाना की गई हैं, जो बीटीएडी में तैनात की जाएंगी. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के अधिकारियों ने बुधवार सुबह से मालगाड़ियों का संचालन शुरू कर दिया और उम्मीद जताई कि शाम से सवारी गाड़ियां का संचालन शुरू हो जाएगा.

एनएफआर के मुख्य संचालन अधिकारी मुकुल मारवाह ने बुधवार को बताया, 'हमने सुबह 11.25 बजे से मालगाड़ियों का संचालन शुरू कर दिया और हमें उम्मीद है कि सवारी रेलगाड़ियों का संचालन जल्द शुरू हो जाएगा. हमें उम्मीद है कि अगले 12 से 14 घंटे के भीतर रेल यातायात सामान्य हो जाएगा.' असम के इन जिलों में आने वाली तथा यहां से जाने वाली सभी रेलगाड़ियों को गुवाहाटी से अलीपुरदुआर के बीच रोका जा रहा है, जिससे कई यात्री फंसे हुए हैं.

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भाजपा ने हिंसा के लिए राज्य की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए इस पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से जवाब मांगा. भाजपा प्रवक्ता राजीव प्रताप रुडी ने बुधवार को पत्रकारों से कहा, 'हम असम का प्रतिनिधित्व (राज्यसभा में) करने वाले प्रधानमंत्री से सीधे प्रश्न पूछते हैं. राज्य में कांग्रेस सरकार ने क्या किया?' उन्होंने कहा, 'तथाकथित धर्मनिरपेक्ष कांग्रेस सरकार इस हिंसा पर क्या जवाब देगी? इन जिलों में हिंसा भड़कने से पुलिस स्टेशन बंद हो गए हैं.'

माकपा ने केंद्र एवं असम सरकार को दोषी ठहराते हुए दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की. पार्टी ने कहा, 'यह वाकई गहरे तौर पर विचलित करने वाली बात है कि हिंसा में 40 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, कई लापता हैं और 50 से अधिक गांव जलाए जा चुके हैं और हजारों को घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा.'

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