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असमः जातीय हिंसा में अब तक 32 मरे, हजारों बेघर

असम के बोडोलैंड के तीन जिलों में मंगलवार को भी हिंसा बदस्तूर जारी रही. सुरक्षाबलों द्वारा चार उपद्रवियों को मार गिराए जाने के बाद हिंसा में अबतक मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई.

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असम में हिंसा
असम में हिंसा

असम के बोडोलैंड के तीन जिलों में मंगलवार को भी हिंसा बदस्तूर जारी रही. सुरक्षाबलों द्वारा चार उपद्रवियों को मार गिराए जाने के बाद हिंसा में अबतक मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई.

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हिंसा के कारण अबतक करीब 40000 लोग अपना घरबार छोड़ने पर विवश हुए हैं. राज्य की स्थिति पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चिंता जताई. बोडो आदिवासियों एवं बांग्लाभाषी मुस्लिमों के बीच जारी हिंसा के कारण प्रभावित क्षेत्रों में रेल यातायात लड़खड़ा गया.

करीब 25000 यात्री विभिन्न स्टेशनों पर फंसे हैं. रेल मंत्रालय ने केंद्र एवं राज्य सरकार से पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की. मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदम्बरम एवं रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी से स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अधिक अर्ध सैनिक बल एवं सैनिकों की टुकड़ियों को भेजने का आग्रह किया.

असम के हिंसा प्रभावित जिलों में केंद्र सरकार ने 4,000 अर्धसैनिक बलों को रवाना कर दिया था.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने गोगोई से राज्य के हालात के विषय में जानकारी ली एवं लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा शांति बहाल करने को कहा. प्रधानमंत्री ने गोगोई को हरसम्भव मदद देने का आश्वासन भी दिया.

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19 जुलाई को भड़की हिंसा में कोकराझार एवं चिरांग जिलों में 28 लोगों की मौत हो चुकी है. अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को सुरक्षा बलों ने चार उपद्रवियों को मार गिराया, जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 32 हो गई.

कोकराझार के बिगड़ते हालात को देखते हुए प्रशासन ने यहां देखते ही गोली मारने का आदेश जारी कर दिया था. कोकराझार एवं चिरांग जिलों में रात का कर्फ्यू अनिश्चितकाल के लिए लगा दिया गया है.

पुलिस महानिरीक्षक एस.एन. सिंह ने बताया कि 19 लोग कोकराझार में जबकि नौ लोग चिरांग में मारे गए. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में तनाव व्याप्त है और इन दोनों जिलों में अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं.

केंद्रीय गृह सचिव आर. के. सिंह ने कहा, 'हमने 29 कम्पनियां भेजी हैं. 14 कम्पनियां सोमवार को भेजी गई थीं, जबकि अतिरिक्त 15 कम्पनियां मंगलवार को भेजी गई.'

बांग्लादेश से सटे धुबरी जिले में भी हिंसा फैल गई. पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने के लिए हवाई फायरिंग तक करनी पड़ी. इसके अलावा जिले के संवदेनशील इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया. पुलिस महानिदेशक जयंत नारायण चौधरी ने पुलिस अधिकारियों के साथ सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया.

हिंसा के कारण अबतक 37 रेलगाड़ियों के मार्ग परिवर्तित किए जा चुके हैं जबकि 26 रेलगाड़ियों को रद्द कर दिया गया. मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार रेलमंत्री मुकुल रॉय ने केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदम्बरम एवं मुख्यमंत्री गोगोई से अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराने की अपील की.

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रॉय ने कहा कि कोकराझार जिले के श्रीरामपुर एवं सलकती रेलवे स्टेशन के बीच 54 किमी की दूरी में रेल सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हैं. हिंसा की शुरुआत गुरुवार को मागुरबरी क्षेत्र में दो छात्र नेताओं पर हथियारबंद बदमाशों द्वारा हमला किए जाने के बाद हुई. इसके बाद शुक्रवार रात को चार पूर्व बोडो उग्रवादियों को गोली मार दी गई.

 

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