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बीसीसीआई को अब भी 'सहारा' की उम्मीद

सहारा इंडिया द्वारा नाराज होकर भारतीय क्रिकेट टीम के स्पांसरशिप और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की पुणे फ्रेंचाइजी से अलग होने के मामले में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के रवैये में सोमवार को नाटकीय नरमी दिखी.

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एन श्रीनिवासन
एन श्रीनिवासन

सहारा इंडिया द्वारा नाराज होकर भारतीय क्रिकेट टीम के स्पांसरशिप और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की पुणे फ्रेंचाइजी से अलग होने के मामले में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के रवैये में सोमवार को नाटकीय नरमी दिखी.

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बीसीसीआई अब सहारा से रार नहीं लेना चाहती है और स्पांसरशिप के मुद्दे पर उससे बातचीत को तैयार है. दो दिन पहले बीसीसीआई इस मामले को लेकर जिस अड़ियल तेवर से पेश आ रही थी, उसमें नरमी साफ-साफ दिख रही है क्योंकि खुद बीसीसीआई प्रमुख एन. श्रीनिवासन ने खुद कहा कि सहारा के साथ जारी मनमुटाव को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा क्योंकि यह दोनों के बीच 'धारणा सम्बंधी फासले' का नतीजा है.

श्रीनिवासन ने कहा कि बोर्ड सहारा के साथ बातचीत के लिए तैयार है. श्रीनिवासन ने कहा, 'हमारे बीच धारणात्मक दूरिया हैं. हम किसी भी स्तर पर बातचीत के लिए तैयार हैं. हमारा रिश्ता 11 साल पुराना है. यही कारण है कि मैं सहारा के इस फैसले से हैरान हूं. मैं मानता हूं कि हमारी जब भी सहारा समूह के अधिकारियों से बात होगी, यह मसला सुलझा लिया जाएगा.'

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इससे पहले, आईपीएल अध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा कि सहारा के साथ 'पीछे के रास्ते से बातचीत जारी है' और बीसीसीआई उसके साथ शांतिपूर्ण समझौता चाहती है.

शुक्ला ने कहा, 'इस पूरे मामले में हमने आधिकारिक तौर पर सहारा की कोई बात नहीं सुनी है। इसके बावजूद बोर्ड सहारा इंडिया के साथ बातचीत को तैयार है। आखिरकार हमारा सम्बंध काफी पुराना है.'

शुक्ला ने कहा कि किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले बोर्ड सहारा का आधिकारिक पक्ष जानना चाहता है.

शुक्ला ने कहा, 'हमारा और सहारा का रिश्ता 12 साल पुराना है और हम जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेना चाहते. हम इस बात को लेकर आशान्वित हैं कि इस मामले का कोई न कोई हल जरूर निकलेगा.'

शुक्ला ने हालांकि कहा कि आईपीएल के नियमों के तहत सहारा या फिर किसी अन्य टीम के लिए कोई बदलाव नहीं किया जा सकता.

शुक्ला बोले, 'हम किसी टीम के लिए आईपीएल के नियमों में बदलाव नहीं कर सकते। यह आईपीएल की दूसरी फ्रेंचाइजी टीमों के साथ नाइंसाफी होगी.'

उल्लेखनीय है कि सहारा इंडिया ने शनिवार को बीसीसीआई के साथ जारी लाखों डॉलर कीमत की स्पांसरशिप और पुणे फ्रेंचाइजी टीम से खुद को अलग करने की घोषणा की थी. सहारा की दलील थी कि उसे एक बार फिर बीसीसीआई से उचित न्याय नहीं मिला है.

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सहारा का यह फैसला शनिवार को होने वाली आईपीएल-5 की नीलामी के शुरू होने से कुछ समय पहले ही आया था. इस नीलामी में 144 खिलाड़ियों की बोली लगनी थी लेकिन पुणे वारियर्स ने इस नीलामी में हिस्सा नहीं लिया.

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