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कपिल के खिलाफ नहीं है बीसीसीआई: राजीव शुक्ला

आईपीएल लाभार्थियों की सूची से कपिल देव का नाम बाहर किये जाने वाला विवाद काफी बढ़ गया है और बीसीसीआई ने कहा कि वह इस महान ऑलराउंडर के खिलाफ नहीं है और उन्हें तकनीकी कारणों से नकद पुरस्कार से वंचित रखा गया.

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राजीव शुक्ला
राजीव शुक्ला

आईपीएल लाभार्थियों की सूची से कपिल देव का नाम बाहर किये जाने वाला विवाद काफी बढ़ गया है और बीसीसीआई ने कहा कि वह इस महान ऑलराउंडर के खिलाफ नहीं है और उन्हें तकनीकी कारणों से नकद पुरस्कार से वंचित रखा गया.

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बीसीसीआई ने आईपीएल के अधिशेष से पूर्व खिलाड़ियों को एकमुश्त भुगतान किया है लेकिन इसमें कपिल का नाम शामिल नहीं करने से काफी खलबली मच गयी और हैरानी की बात है कि बोर्ड ने इस पूर्व भारतीय कप्तान को शामिल नहीं करने का कोई कारण नहीं बताया है.

बीसीसीआई ने लाभार्थियों की पूरी सूची जारी नहीं की इसलिये इसमें संशय बना रहा कि कपिल का नाम इसमें शामिल है या नहीं. लेकिन आईपीएल अध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा कि कपिल देव इस वित्तीय लाभ के योग्य नहीं थे.

शुक्ला ने कहा, ‘जहां तक कपिल का संबध है तो बीसीसीआई उनके खिलाफ नहीं है. हम कपिल के खिलाफ नहीं हैं लेकिन इसमें तकनीकी पेंच है. उन्होंने बीसीसीआई द्वारा माफीनामे के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है. तकनीकी रूप से वह इस वित्तीय लांभाश से बाहर हैं. बीसीसीआई उनके खिलाफ नहीं है.’

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यह पूछने पर कि क्या बीसीसीआई कपिल के नाम पर विचार करेगा अगर उन्होंने माफीनामा मांग लिया तो शुक्ला ने कहा, ‘यह काल्पनिक सवाल है. अगर वह देते हैं तो बीसीसीआई की कार्यकारी समिति निश्चित रूप से इस पर विचार करेगी.’

कपिल ने कहा था कि उन्होंने यह मसला बीसीसीआई पर छोड़ दिया है कि वह ‘बॉस’ हैं और एकमुश्त वित्तीय लाभ देना उनका फैसला है. वर्ष 1983 विश्व कप विजेता कप्तान को बीसीसीआई ने आईपीएल के चार स्थलों पर हुए कार्यक्रमों में आमंत्रित नहीं किया जिसमें बोर्ड ने पूर्व क्रिकेटरों को भारतीय क्रिकेट को अपनी सेवायें देने के लिये चेक प्रदान किये.

कपिल ने भारत के लिये 131 टेस्ट और 225 एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं. वह दुनिया के महान ऑलराउंडरों में से एक हैं. बीसीसीआई की इस योजना के तहत उन्हें 1.5 करोड़ रूपये मिलते.

कुछ अन्य क्रिकेटर जैसे दिलीप वेंगसरकर, मोहिंदर अमरनाथ, गुंडप्पा विश्वनाथ और सैयद किरमानी को भी इस लाभार्थ सूची से बाहर रखा गया.

यह पूछने पर कि ऐसा क्यों किया गया तो शुक्ला ने कहा, ‘इनके लिये पहले ही लाभार्थ मैच आयोजित किये जा चुके हैं, वे इस योजना का हिस्सा नहीं हो सकते. उन्हें दोबारा से वही लाभ नहीं दिया जा सकता.’

शुक्ला इस बात से नाखुश थे कि कुछ खिलाड़ियों के नाम पर विचार नहीं करने के लिये इस योजना का नकारात्मक प्रचार किया जा रहा है.

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उन्होंने कहा, ‘खिलाड़ियों को एकमुश्त लाभ दिये जाने के पीछे यह कारण था कि कई खिलाड़ी अपने लाभार्थी मैच कराने योग्य नहीं हैं. वैसे भी अब मैच आयोजित करना काफी कठिन काम है. इस लाभार्थी मैचों के लिये कोई भी टीम उपलब्ध नहीं होती.'

शुक्ला ने कहा, ‘जहां तक बीसीसीआई का संबंध है, यह काफी अहम फैसला है. खिलाड़ियों और उनकी विधवाओं को करीब 90 से 100 करोड़ रूपये दिये गये हैं. खिलाड़ी खुश हैं क्योंकि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ उनके साथ होगा.’

उन्होंने कहा, ‘दुनिया की किसी भी खेल संस्था ने पहले ऐसा नहीं किया है. हम अपने खिलाड़ियों को पेंशन भी दे रहे हैं. हम काफी निराश हुए जब हमें पता चला कि पूर्व खिलाड़ियों के लिये इतना कुछ करने के बाद भी वेवजह का विवाद हो गया है. इसके लिये हमारी सराहना के बजाय हमारी आलोचना की जा रही है.’

आईपीएल में अनियमितताओं के खिलाफ पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद की भूख हड़ताल के बारे में पूछने पर शुक्ला ने कहा कि कोई भी आरोप लगा सकता है.

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