बीसीसीआई (बोर्ड ऑफ क्रंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया) ने सोमवार को देश में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैचों के प्रसारण का अधिकार रखने वाली प्रसारण कम्पनी निम्बस का करार रद्द कर दिया.
भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने कड़ा रवैया अपनाते हुए भुगतान नहीं करने पर अपने प्रसारण अधिकार धारक निम्बस का अनुबंध रद्द कर दिया और बैंक गारंटी के उसके दो हजार करोड़ रुपये जब्त कर लिये.
निम्बस का अनुबंध समाप्त करने का फैसला बीसीसीआई की कार्य समिति की आपात बैठक में लिया गया जहां सदस्य भारत की घरेलू श्रृंखला के मैचों का प्रसारण करार रद्द करने के फैसले पर ‘सर्वसम्मत’ थे. निम्बस का करार तीन साल बाद समाप्त होना था.
कार्यकारी समिति के एक सदस्य ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘सदस्य इस बात पर सर्वसम्मत थे कि जो संस्था नियमित तौर पर भुगतान के मामले में डिफाल्टर रहती है उसके साथ संबंध जारी नहीं रखा जा सकता.’ निम्बस ने अक्टूबर 2009 को चार साल के लिए बीसीसीआई के साथ 2000 करोड़ रुपये का करार किया था. इस प्रसारणकर्ता ने कार्यकारी समिति की यहां होने वाली बैठक से पहले आज 24 करोड़ रुपये का भुगतान किया लेकिन अब भी उसे 88 करोड़ रुपये का भुगतान करना है.
अधिकारी ने कहा, ‘एक भी श्रृंखला ऐसी नहीं हुई जिसमें उन्होंने पूरा पैसा समय से दिया हो. एक कारण और भी है कि वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू श्रृंखला के साथ भारत की घरेलू अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताएं भी समाप्त हो गई.’ भारत की अगली घरेलू श्रृंखला से पहले काफी समय है इसलिए बीसीसीआई के आला अधिकारियों को लगता है कि नया प्रसारणकर्ता ढूंढने के लिए काफी समय है.
बीसीसीआई के उपाध्यक्ष एम.पी. पांडोव ने कार्यकारिणी की बैठक के बाद कहा, ‘निम्बस ने घपला किया है. उसने इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के साथ हुई श्रृंखला के लिए 50 फीसदी रकम की अग्रिम अदायगी नहीं की है.’
निम्बस का अनुबंध समाप्त होने का मतलब है कि भारत के बाकी बचे घरेलू सत्र का टेलीविजन पर प्रसारण नहीं होगा. पता चला है कि कार्यकारी समिति के सदस्य इस बात से भी नाखुश थे कि क्रिकेट के लिए निर्धारित समय पर विश्व सीरीज हाकी (डब्ल्यूएसएच) का प्रचार किया जा रहा था.
अधिकारी ने कहा, ‘वे क्रिकेट मैचों के ब्रेक के दौरान हाकी खिलाड़ियों को ला रहे थे जिसके कारण कमेंटेटरों संजय मांजरेकर और कर्टनी वाल्श को हाकी खिलाड़ियों से सवाल पूछने को बाध्य होना पड़ रहा था. ब्रेक के समय का शो पूरी तरह से क्रिकेट को समर्पित होना चाहिए था.’ करार के मुताबिक निम्बस कसे प्रत्येक मैच के लिए बीसीसीआई को लगभग प्रति अंतरराष्ट्रीय मैच 31.5 करोड़ रुपये का भुगतान करना था.
मौजूदा भुगतान के अलावा बीसीसीआई और निम्बस के बीच लंबे समय से रेडियो अधिकार का मुद्दा भी लंबित था. निम्बस आल इंडिया रेडियो की पेशकश से खुश नहीं था और उसने बीसीसीआई को सीधे उससे निपटने को कहा था.
संपर्क करने पर निम्बस स्पोर्ट्स के मुख्य संचालन अधिकारी यानिक कोलासो ने कहा कि उन्हें ऐसे किसी फैसले की जानकारी नहीं है.