केंद्रीय खेल मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अजय माकन ने बुधवार को कहा कि स्पॉट फिक्सिंग में कथित तौर पर शामिल पाए गए आईपीएल खिलाड़ियों को निलम्बित करके भारतीय क्रिकेट बोर्ड अपना पल्ला नहीं झाड़ सकता.
उसे हर हाल में इस समस्या के तह में पहुंचना होगा. माकन ने कहा, 'बीसीसीआई को इस समस्या की जड़ में जाना होगा. खिलाड़ियों के निलम्बन भर से बात नहीं बनेगी. अब सही वक्त आ गया है, जब बीसीसीआई को खुद को सूचना का अधिकार (आरटीआई) की हद में न आने की जिद छोड़ देनी चाहिए. सभी खेल महासंघ इसके दायरे में हैं, बीसीसीआई को इसे मान लेना चाहिए.'
उल्लेखनीय है कि स्पॉट फिक्सिंग के ताजातरीन मामले ने आईपीएल की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. एक तरफ जहां इससे इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट की छवि को धक्का पहुंचा है वहीं इसका आयोजन करने वाली बीसीसीआई के सामने इन आरोपों को गलत साबित करना एक चुनौती के रूप में सामने आई है.
उल्लेखनीय है कि एक समाचार चैनल ने अपने एक स्टिंग ऑपरेशन में किंग्स इलेवन पंजाब टीम के खिलाड़ी शलभ श्रीवास्तव के अलावा डेक्कन चार्जर्स के गेंदबाज टीवी सुधीरेंद्र को भी नो बॉल फेंकने के बदले धन की मांग करते हुए दिखाया है.
चैनल ने दावा किया है कि आईपीएल-5 में स्पॉट फिक्सिंग धड़ल्ले से जारी है. इसमें खिलाड़ी अपनी फ्रेंचाइजी टीमों से बीसीसीआई द्वारा तय मानकों से अलग हटकर धन का लेनदेन कर रहे हैं.
इस मामले के उजागर होने के बाद बीसीसीआई ने इसकी जांच के आदेश दे दिए और जांच पूरी होने तक उन पांच क्रिकेट खिलाड़ियों को तत्काल प्रभाव से 15 दिनों के लिए निलम्बित करने का फैसला किया है, जिनका नाम स्पॉट फिक्सिंग मामले से जुड़ा है.
निलम्बित किए गए खिलाड़ी टी.पी. सुधींद्र (डेक्कन चार्जर्स), मोहनीश मिश्रा (पुणे वॉरियर्स), अमित यादव (किंग्स इलेवन), शलभ श्रीवास्तव (किंग्स इलेवन) और अभिनव बाली (दिल्ली) शामिल हैं.