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मैच फिक्सिंग मामले में टीपी सुधींद्र पर आजीवन बैन

आईपीएल के दौरान स्पॉट फिक्सिंग में फंसे क्रिकेटरों के खिलाफ कठोर कदम उठाते हुए बीसीसीआई ने तेज गेंदबाज टीपी सुधींद्र पर आजीवन प्रतिबंध लगाया, जबकि 4 अन्य घरेलू खिलाड़ियों को भी सजा सुनायी. इन सभी को टीवी स्टिंग ऑपरेशन में पकड़ा गया था.

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फाइल फोटो: शलभ श्रीवास्तव
फाइल फोटो: शलभ श्रीवास्तव

आईपीएल के दौरान स्पॉट फिक्सिंग में फंसे क्रिकेटरों के खिलाफ कठोर कदम उठाते हुए बीसीसीआई ने तेज गेंदबाज टीपी सुधींद्र पर आजीवन प्रतिबंध लगाया, जबकि 4 अन्य घरेलू खिलाड़ियों को भी सजा सुनायी. इन सभी को टीवी स्टिंग ऑपरेशन में पकड़ा गया था.

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बीसीसीआई की अनुशासनात्मक समिति ने अध्यक्ष एन श्रीनिवासन की अगुवाई में खिलाड़ियों पर अलग-अलग प्रतिबंध लगाने का फैसला किया, जिन्होंने रवि सवानी द्वारा सौंपी गयी रिपोर्ट पर चर्चा के लिये बैठक की.

बीसीसीआई सूत्रों के अनुसार 28 वर्षीय सुधींद्र को इससे सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, क्योंकि उनका कैरियर लगभग समाप्त ही लग रहा है, जबकि शलभ श्रीवास्तव को पांच साल के लिये प्रतिबंधित किया गया है. मोहनीश मिश्रा, अमित यादव और अभिनव बाली पर एक-एक साल के लिये प्रतिबंध लगाया गया है.

पांच में से तीन खिलाड़ी सुधींद्र, मोहनीश मिश्रा और अभिनव बाली बैठक में मौजूद थे, जिन्होंने पैनल के समक्ष अपना पक्ष रखा. इस पैनल के अन्य सदस्य बोर्ड के उपाध्यक्ष अरुण जेटली और निरंजन शाह हैं.

बोर्ड ने बयान में कहा, ‘समिति ने सुधींद्र को घरेलू क्रिकेट मैच में स्पॉट फिक्सिंग करने के लिये दोषी पाया है और इसलिये उन पर यह आजीवन प्रतिबंध लगाया गया है. वह आईसीसी या बीसीसीआई तथा बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त इकाई के अंतर्गत आने वाले अधिकारिक मैचों में नहीं खेल पायेंगे.’

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सुधींद्र अब बीसीसीआई द्वारा खिलाड़ियों को दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ भी नहीं उठा पायेंगे. वह आजीवन बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त किसी भी क्रिकेट संघ में किसी भी पद पर काबिज नहीं हो पायेंगे.

बोर्ड ने लिखा, ‘शलभ श्रीवास्तव को मैच फिक्स करने पर सहमति जताने और इसके लिये शर्तें रखने का दोषी पाया गया है, हालांकि इस तरह की कोई मैच फिक्सिंग या स्पॉट फिक्सिंग नहीं हुई थी.’ इसके अनुसार, ‘उन्हें पांच साल के लिये प्रतिबंधित किया गया है, जिसमें वह आईसीसी या बीसीसीआई तथा बीसीसीआई की किसी भी मान्यता प्राप्त इकाई के अधिकारिक मैचों में नहीं खेल पायेंगे.’

सुधींद्र की तरह वह भी प्रतिबंध के पांच साल में बीसीसीआई द्वारा खिलाड़ियों को दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ नहीं उठा पायेंगे.

श्रीवास्तव इन पांच साल के लिये बीसीसीआई से जुड़े क्रिकेट संघों में किसी भी पद पर काबिज नहीं हो पायेंगे. बोर्ड ने बयान में कहा, ‘अन्य तीन खिलाड़ियों ने बेकार की बातें करके और डींगे लगाकर खेल को बदनाम किया, इसलिये इन्हें कम सजा दी गयी है.’

उन्होंने कहा, ‘इन्हें आईसीसी या बीसीसीआई तथा बीसीसीआई की मान्यता प्राप्त इकाई के अंतर्गत आने वाले किसी भी अधिकारिक मैचों में खेलने के लिये एक साल तक प्रतिबंधित कर दिया है.’ इन खिलाड़ियों पर प्रतिबंध की तारीख 15 मई से प्रभावी होगी.

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स्टिंग ऑपरेशन में दावा किया गया था कि इन्होंने आईपीएल और अन्य मैचों में धन राशि लेकर मैच में खराब प्रदर्शन करने पर सहमति जतायी थी. श्रीवास्तव और यादव ने बैठक के दौरान टेलीकांफ्रेस के जरिये अपने पक्ष रखे.

बीसीसीआई ने सवानी को इस मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी जिन्होंने कुछ हफ्ते पहले अपनी रिपोर्ट श्रीनिवासन को दी थी.

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