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बीसीसीआई अपने डीआरएस विरोधी रुख पर बरकरार

अंपायरों के फैसले की समीक्षा प्रणाली  को अनिवार्य किये जाने की आईसीसी की मांग को एक बार फिर नकारते हुए भारतीय क्रिकेट बोर्ड  अब भी अपने पुराने रूख पर कायम है, उसका कहना है कि यह प्रणाली ‘फूलप्रूफ’ नहीं है.

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अंपायरों के फैसले की समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) को अनिवार्य किये जाने की आईसीसी की मांग को एक बार फिर नकारते हुए भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) अब भी अपने पुराने रूख पर कायम है, उसका कहना है कि यह प्रणाली ‘फूलप्रूफ’ नहीं है.

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गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिष्दद (आईसीसी) की कार्यकारी समिति ने सिफारिश की है कि टेस्ट और वन डे में डीआरएस प्रणाली को अनिवार्य रूप से लागू किया जाए.

इस प्रणाली को लागू किये जाने का शुरू से ही विरोध कर रहे बीसीसीआई ने कहा कि उसके रूख कोई परिवर्तन नहीं हुआ है.

बीसीसीआई के सचिव संजय जगदले ने कहा, ‘हम यह साफ कर देना चाहते हैं, अब जब डीआरएस की चर्चा चली है तो हमारा इस प्रणाली को लागू नहीं करने का रूख अभी तक कायम है क्योंकि हमारा मानना है कि यह प्रणाली ‘फूलप्रूफ’ नहीं है.

बयान में कहा गया, ‘बोर्ड का मानना है कि डीआएस प्रणाली को लागू किया जाए या नहीं, इसका फैसला श्रृंखला खेलने वाले दोनों बोर्डों पर छोड़ देना चाहिये.’

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