भाजपा ने आने वाले विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनाव में मुस्लिम मतों को अपने पक्ष में करने लिए इस समुदाय के बीच दायरा बढ़ाने की रणनीति बनाई है. इस रणनीति के तहत पार्टी शासित राज्यों में ‘सुशासन’ के साथ ही स्थानीय मुस्लिम संगठनों की मदद ली जाएगी.
भाजपा आलाकमान ने मुसलमानों के बीच पार्टी की लोकप्रियता का ग्राफ बढ़ाने की जिम्मेदारी पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चे को सौंपी है. इसे लेकर पार्टी ने बीते शुक्रवार को एक कार्यशाला का भी आयोजन किया था.
इसमें पार्टी शासित प्रदेशों के मदरसा बोर्डें, अल्पसंख्यक वित्त निगमों, वक्फ बोर्डों के प्रमुख और वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए थे.
अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष तनवीर अहमद ने कहा, ‘हम मुस्लिम समुदाय के बीच तेजी से अपनी लोकप्रियता बढ़ा रहे हैं. स्थानीय मुस्लिम संगठनों की मदद ले रहे हैं.’
अहमद ने दावा किया, ‘हम लोगों के साथ बातचीत कर रहे हैं. स्थानीय स्तर के संगठनों को साथ लेने पर हम पूरा जोर दे रहे हैं. राजस्थान और मध्यप्रदेश जैसे प्रांतों में मुसलमान बड़ी संख्या में हमारे साथ जुड़े हैं और जुड़ रहे हैं.’
भाजपा की कार्यशाला में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने भाजपा शासित राज्यों की सरकारों का आह्वान किया कि वे सुशासन के जरिए अल्पसंख्यक समुदाय का दिल जीतें.
तनवीर अहमद कहते हैं, ‘पार्टी अध्यक्ष ने यही कहा है कि अच्छे प्रशासन के जरिए मुस्लिम समुदाय का दिल जीता जाएगा. पार्टी शासित राज्यों में हमें अल्पसंख्यकों का दिल जीतने में कामयाबी भी मिल रही है.’
यह पूछे जाने पर कि मुसलमानों में पार्टी को लेकर व्याप्त ‘हिचक’ को कैसे दूर करेंगे, तनवीर अहमद ने कहा, ‘यह सब पुरानी बात हो गई. अब मुसलमानों को भाजपा के बारे में किसी तरह की हिचक नहीं है. हमारे साथ मुसलमान बड़ी संख्या में जुड़ रहे हैं. अब मुसलमानों को गुमराह नहीं किया जा सकता.’
उन्होंने कहा, ‘नगर निकायों में हमारी पार्टी की ओर से सैकड़ों नुमाइंदे मुस्लिम हैं. आने वाले वक्त में विधानसभाओं और लोकसभा में भी भाजपा की ओर से अधिक मुसलमान देखने को मिलेंगे. हम ऐसी उम्मीद करते हैं.’