कर्नाटक में शांतिपूर्ण सत्ता परिवर्तन के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रयासों को मंगलवार को करारा झटका लगा जब मुख्यमंत्री सदानंद गौड़ा के समर्थकों ने उन्हें जगदीश शेट्टार के लिए यह पद रिक्त करने से पहले पार्टी का प्रदेश बनाने की घोषणा किए जाने मांग की. इसी कारण शेट्टार को विधायक दल का नेता चुनने के लिए होनी वाली बैठक में देरी हो रही है.
गौड़ा समर्थकों की यह भी मांग है कि शेट्टार को विधायक दल का नेता चुनने के लिए होने वाली बैठक से पहले पार्टी प्रदेश के मौजूदा अध्यक्ष के. एस. ईश्वरप्पा का नाम उप मुख्यमंत्री के रूप में भी घोषित करे.
गौड़ा समर्थक 45 विधायकों की इस जिद के कारण राज्य की 225 सदस्यीय विधानसभा के 120 विधायकों की बैठक में देरी हो रही है. बैठक पूर्वाह्न् 11 बजे से ही यहां एक होटल में शुरू होनी थी, लेकिन यह अब तक शुरू नहीं हो पाई है.
शेट्टार के समर्थक, जिन्हें भाजपा के राज्य में पहले मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा का समर्थन प्राप्त है, होटल पहुंच चुके हैं, लेकिन गौड़ा और उनके समर्थक अब भी अपने आधिकारिक आवास पर हैं. वे पार्टी के केंद्रीय पर्यपेक्षक अरुण जेटली और राजनाथ सिंह द्वारा अपनी मांगों को स्वीकार करने का इंतजार कर रहे हैं. गौड़ा समर्थकों ने कहा कि उनकी मांग विभिन्न जाति समूहों के लिए सामाजिक न्याय तथा पार्टी व सरकार में समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए है.
नाम न जाहिर करने की शर्त पर उन्होंने कहा कि लोगों में इस तरह की धारणा व्याप्त हो गई है कि भाजपा लिंगायत जाति के सामने झुक गई है, जिसका प्रतिनिधित्व येदियुरप्पा और शेट्टार दोनों करते हैं. लोगों को लगता है कि इनके दबाव में आकर ही पार्टी ने गौड़ा को मुख्यमंत्री पद से हटाया है, जो एक अन्य जाति वोक्कालिगा से ताल्लुक रखते हैं.