भाजपा लोकपाल विधेयक को लेकर राज्यसभा में हंगामे के मूड में नजर आ रही है क्योंकि नेता प्रतिपक्ष अरूण जेटली ने कल प्रश्नकाल स्थगित करने की मांग की ताकि सदन इस विधेयक पर चर्चा कर सके. पिछले सत्र में यह विधेयक उच्च सदन में पारित नहीं हो पाया था.
जेटली प्रश्नकाल स्थगित करने का नोटिस कल देंगे क्योंकि पार्टी लोकपाल के मुद्दे को छोडने के मूड में नहीं है. गत 29 दिसंबर की रात को विधेयक पारित हुए बिना ही उच्च सदन की बैठक स्थगित करनी पडी थी.
जेटली ने आज कहा कि उस समय सरकार ने वजह बतायी थी कि वह सदस्यों द्वारा लाये गये संशोधनों पर विचार के लिए और समय चाहती है. अब तक सरकार को अध्ययन के लिए पर्याप्त समय मिल चुका है.
उन्होंने कहा कि भाजपा मांग करेगी कि पहले लोकपाल पर चर्चा हो. साथ ही कहा कि संसद में इस मुद्दे पर विपक्ष सरकार से पर्याप्त जवाब चाहता है.
जेटली ने कहा कि तार्किक रूप से जिस विधेयक को लोकसभा पारित कर चुकी है, उसे राज्यसभा में भी पारित होना चाहिए.
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी नारायणसामी पिछले सत्र में विधेयक पर चर्चा का जवाब दे रहे थे लेकिन सभापति हामिद अंसारी ने सदन की बैठक स्थगित कर दी क्योंकि सदन में कोई व्यवस्था नहीं थी.
राज्यसभा में भाजपा के उपनेता एस एस अहलूवालिया ने भी संकेत दिया है कि अगर सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो कल और आगे के दिनों में सदन का सुचारू रूप से चलना संभव नहीं भी हो सकता है.
अहलुवालिया ने कहा, ‘गत 29 दिसंबर की रात बारह बजे राज्यसभा की बैठक अचानक स्थगित कर दी गयी और सरकार ने कहा कि बहुत से संशोधन आये हैं और उसे उनका अध्ययन करना होगा...मैं आपको ऐसे अनेक उदाहरण दे सकता हूं जब कामकाज पूरा होने तक सदन की बैठक जारी रही है.’ उन्होंने कहा कि भाजपा चर्चा पूरी करना चाहती है और सरकार से सवाल करेगी कि यह क्यों नहीं हो सकता.
अहलुवालिया ने कहा कि गत पांच जनवरी को भाजपा सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से भेंट कर लोकपाल विधेयक पर चर्चा पूरी कराये जाने की मांग की थी.
उन्होंने कहा कि सरकार ने गत 29 दिसंबर को एक गलती की थी और अब बहस पूरी कराये बिना वह दूसरी गलती नहीं कर सकती.
यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा लोकपाल विधेयक के मामले में अन्य दलों को भी अपने साथ ले रही है, उन्होंने कहा कि एकता है और यह टूटी नहीं है.
बाद में सरकार के संकटमोचक वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने राज्यसभा में भाजपा संसदीय दल के नेता जेटली, लोकसभा में भाजपा संसदीय दल की नेता सुषमा स्वराज, लाल कृष्ण आडवाणी और यशवंत सिन्हा से भेंट की.
लंबित विधेयकों को पारित कराने के साथ ही सरकार यह भी चाहती है कि संसद के बजट सत्र में बहुत अधिक बाधा न पड़े और सदन को सुचारू रूप से चलाने में विपक्ष सहयोग करे.