उत्तर प्रदेश में दागी नेताओं को पार्टी में शामिल करने और टिकट देने से विवादों के घेरे में आयी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने बुधवार को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से मुलाकात कर भ्रष्टाचार से निपटने का प्रावधान करने वाले लोकपाल विधेयक पर मत विभाजन के लिए संसद का सत्र पुन: बुलाने की मांग की.
लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी और लोकसभा तथा राज्यसभा में विपक्ष के नेता क्रमश: सुषमा स्वराज एवं अरूण जेटली आदि ने राष्ट्रपति से मिलकर उन्हें इस संबंध में ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में कहा गया कि देश की संसद की विश्वसनीयता बनाये रखने के लिए राष्ट्रपति सरकार को तत्काल संसद का सत्र बुलाने का सुझाव दें ताकि लोकपाल विधेयक पर मत विभाजन कराया जा सके.
सरकार से पूछा जाना चाहिए कि उसने सदन (राज्यसभा) की कार्यवाही में लगातार बाधा क्यों पहुंचायी. पहले तो उसने मित्रवत पार्टी के जरिए यह काम किया और फिर स्वयं सत्ता पक्ष के सदस्यों ने बाधा पहुंचाना शुरू कर दिया.
भाजपा एक ओर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर लोकपाल विधेयक पारित कराने का दबाव बनाने तो दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में दागी नेताओं को पार्टी में शामिल करने और टिकट देने के फैसलों के कारण दोहरे मापदंड अपनाने की आलोचनाओं का शिकार बनी है. भाजपा नेताओं ने कहा कि मत विभाजन से बचने वाली सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता जेटली ने कहा कि लोकपाल को लेकर सरकार की विफलता संसदीय प्रणाली का अपमान है.
आडवाणी ने राष्ट्रपति से मिलने के बाद संवाददाताओं से कहा कि हमने इस मामले में राष्ट्रपति के हस्तक्षेप का आग्रह किया है. हमने उनके समक्ष 29 दिसंबर की रात को राज्यसभा में जो कुछ घटा उसके प्रति अपनी शिकायत और असंतोष को रखा.
जेटली ने कहा कि हमने राष्ट्रपति को सुझाव दिया है कि संसद का हिस्सा होने के नाते वह पहल करें और संसद सत्र फिर से बुलाने के संबंध में ठोस सुझाव दें. इससे सत्रावसान हो चुके शीतकालीन सत्र में मजबूत लोकपाल विधेयक पर जो मतदान नहीं हो सका था, उसे कराया जा सके. जेटली ने बताया कि राष्ट्रपति ने भाजपा प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वह कोई कार्यवाही करने से पहले मामले के विभिन्न मुद्दों पर गौर करेंगी.
उन्होंने ज्ञापन का हवाला देते हुए कहा कि जब संवैधानिक मशीनरी इस तरह ध्वस्त हो जाए तो भारतीय संविधान के संरक्षक और अभिभावक के रूप में राष्ट्रपति को कार्रवाई करनी चाहिए. जेटली के अनुसार राष्ट्रपति तुरंत संसद सत्र फिर से बुलाने और लोकपाल विधेयक पर मतदान कराने का सरकार को सुझाव दे सकती हैं.