बिहार का मुख्यमंत्री बनने के बाद से नीतीश कुमार द्वारा राज्य में किए गए विकास कार्यों की सराहना करते हुए शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने कुमार के यहां आने का विरोध करने और फिर उससे पीछे हटने के लिए अपने भतीजे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे पर आज निशाना साधा.
उन्होंने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में लिखा कि पहले विरोध करने और फिर विरोध नहीं करने की ‘नटवर्य’ (वरिष्ठ अभिनेता) की भूमिका का खुलासा हो गया है. लजीज ‘वड़ा’ (स्थानीय नाश्ता) ‘राब्डी’ (मीठा खाना) बन गया है. उन्होंने बिहार दिवस समारोह में हिस्सा लेने के लिए नीतीश के मुंबई आने पर राज के अपना रुख बदलने पर निशाना साधते हुए कहा कि वोट बैंक की राजनीति ‘नौटंकी’ (नाटक) और ‘तमाशा’ पर निर्भर करती है.
शिवसेना ने मनसे के संदर्भ में कहा कि इसलिए हमने कहा कि हम बिहार दिवस पर अन्य लोगों के अपने रुख का खुलासा करने के बाद ही बोलेंगे.
नीतीश की उनके काम के लिए प्रशंसा करते हुए शिवसेना प्रमुख ने कहा कि नीतीश कुमार के रूप में बिहार ने जो शानदार नेतृत्व हासिल किया है उसकी वजह से जातिवाद में जकड़ा राज्य विकास की पटरी पर आ गया है. मराठी गौरव के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि कन्नड़ लोगों द्वारा बेलगांव में मराठी भाषियों द्वारा किए गए अत्याचार का विरोध करने में शिवसेना से ज्यादा आक्रामक कोई नहीं था.