शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे ने समाजसेवी अन्ना हजारे के सहयोगियों किरन बेदी, अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की आलोचना करते हुए इन्हें 'निरर्थक एवं मतलबी लोगों के समूह' की संज्ञा दी. ठाकरे ने कहा कि इन दिनों भूख हड़ताल पर बैठना कुछ लोगों के लिए फैशन हो गया.
पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में दिए साक्षात्कार में ठाकरे ने हजारे की भी आलोचना करते हुए उनके भव्य पंचसितारा कारपोरेट अनशनों के वित्तीय स्रोतों पर प्रश्न उठाया.
ठाकरे ने कहा कि वे मामूली कारणों से भूख हड़ताल पर चले जाते हैं. किसी की मांग करते हैं और उसे पूरा करने के लिए मजबूर करते हैं. यह 'राजनीतिक बलात्कार' के अलावा और कुछ नहीं, इस देश में यह क्या हो रहा है.
शिव सेना प्रमुख ने अन्ना पर हमला बोलते हुए उनके बहुप्रचारित लोकपाल विधेयक के विषय में जानना चाहा. ठाकरे ने पूछा कि क्या इस देश को लोकपाल विधेयक की जरूरत है. अन्ना के सहयोगियों पर ठाकरे ने कहा कि वे सरकार के साथ धोखा कर रहे हैं और शांति भूषण प्रकरण से यह सिद्ध भी हो गया.
शिव सेना प्रमुख ने इन आंदोलनों का कारण केंद्र सरकार के मंत्रियों की शिथिलता को बताया. उन्होंने कहा कि यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि केंद्र सरकार पंगु एवं कमजोर है. कौन हैं चिदम्बरम एवं एंटनी? क्या वे ऐसे उंचे पद के योग्य हैं.