दुनिया में फूल बेचने वाले और माली सबसे खुश कामगार होते हैं जबकि बैंकर सबसे अधिक परेशान रहते हैं.
ब्रिटेन में करवाए गए एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि रोजगार को लेकर संतोष उन लोगों में पाया गया है जिन्हें अधिक आजादी और अपनी रोजमर्रा की दिनचर्या पर नियंत्रण का अधिकार रहता है.
डेली एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर में कहा गया है कि शोध के आंकड़े पूर्व में किए अध्ययनों के नतीजों से ही मेल खाते हैं जिनमें कहा गया था कि पैसे से दीर्घकालिक खुशी नहीं खरीदी जा सकती.
सिटी एंड गिल्ड्स द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण में 2200 लोगों का अध्ययन किया गया. इसमें पाया गया कि प्रत्येक दस मालियों और फल बेचने वालों में से नौ अपने कामकाज से खुश हैं जबकि प्रत्येक पांच में से चार हेयर ड्रेसर तथा चार में से तीन प्लंबर ही अपने पेशे से खुश हैं.
इसके विपरीत बैंकिंग, कम्प्यूटिंग और मानव संसाधन क्षेत्र की नौकरियों को भारी वेतन के कारण बहुत अच्छा माना जाता है लेकिन परदे के पीछे की सच्चाई यही है कि ये नौकरियां लोगों को संतोष नहीं देती.
सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि 60 हजार पाउंड से अधिक कमा रहे लोगों में सबसे अधिक 22 फीसदी नाखुश लोग हैं. कुल मिलाकर यह निष्कर्ष निकाला गया है कि जो लोग पेशेवर तरीके से प्रशिक्षित हैं और कौशल आधारित कार्यो जैसे हेयर ड्रेसर, माली, प्लंबर और इलैक्ट्रिशियन जैसे पेशे में हैं, वे अधिक खुश लोग हैं.
शोध में यह भी पाया गया कि स्वरोजगार में लगे 85 फीसदी लोग अपने कामकाज से खुश रहते हैं. लैंकास्टर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कैरी कूपर ने कहा, ‘प्रमाण यह मिले हैं कि यह पैसा नहीं है जो हमें खुशी देता है. अधिक पैसा कमाने से लोगों को अधिक खुशी नही मिलती.’
उन्होंने कहा, ‘सर्वाधिक महत्वपूर्ण यह है कि आपका अपने समय पर नियंत्रण हो और आपका काम मूल्यवान हो.’