scorecardresearch
 

BCCI वालों को चाबुक से पीटना चाहिए: बाल ठाकरे

शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे ने एक बार फिर आग उगली है. इस बार उनके निशाने पर है बीसीसीआई.पाकिस्तान से क्रिकेट संबंधों की बहाली पर बाल ठाकरे ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में लेख लिखा है.

Advertisement
X

Advertisement

शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे ने एक बार फिर आग उगली है. इस बार उनके निशाने पर है बीसीसीआई.

पाकिस्तान से क्रिकेट संबंधों की बहाली पर बाल ठाकरे ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में लेख लिखा है. जिसमें उन्होंने कहा है कि जिस क्रिकेट बोर्ड ने पाकिस्तानियों को हिंदुस्तान में न्यौता भेजा है, उसी क्रिकेट बोर्ड को मुंबई के ताजमहल होटल औऱ छत्रपति शिवाजी टर्मीनस स्टेशन पर चाबुक से पीटना चाहिए.

जैंटलमैन वालों का यह क्रिकेट खेल अब बेशर्म औऱ निर्दयी लोगों का खेल बन गया है. इतने बेशर्म औऱ निर्दय लोग यदि इस देश में है तो इस देश को पाकिस्तान बनने में कितना समय लगेगा.

बाल ठाकरे ने आगे लिखा है कि 26/11 के आतंकी हमले में कई लोगों ने जान गवाई औऱ कई पुलिसावालों ने बलिदान दिया. यह जानते हुए भी जो फैसला क्रिकेट बोर्ड ने लिया है वो देश से गद्दारी जैसा है. दोनों देशों के बीच आजादी के बाद कई बार क्रिकेट का खेल हुआ लेकिन हर बार क्रिकेट के मैदान में खेल कम धर्मयुद्ध ज्यादा हुआ है. कश्‍मीर से लेकर दक्षिण भारत में कई बार बम धमाके हुए. बाल ठाकरे ने कहा कि मुस्लिम वोट पाने के लिए कांग्रेस यह कर रही है.

Advertisement

ठाकरे ने लिखा यदि हम शांति भरा पैगाम लेकर कबूतर उडाते रहे तब भी पाकिस्तान बंदूक की गोलियां चलाने से बाज नहीं आएंगे. बम धमाके कर भारत के बेकसुर लोगों की जान लेना बंद नहीं होगा. इसलिए पाकिस्तान के साथ शांतिवार्ता करना एक ढोंग है औऱ क्रिकेट खेलना एक राष्ट्रद्रोह है.

बाल ठाकरे ने सुनील गवास्कर की तारीफ करते हुए कहा है कि गावस्कर ने जिस तरिके से क्रिकेट खेलने के फैसले की निंदा कि उससे हम खुश है.

राजीव शुक्ला ने इसे भले ही गावस्कर का निजी विचार बताया है, लेकिन हमारे मुताबिक सुनील गावस्कर ने वो बात कही है जो इस देश की 100 करोड़ जनता सोचती है.

देशवासियों का सोचना है कि पाकिस्तान के साथ क्रिकेट नहीं युद्द होना चाहिए. बाल ठाकरे ने इस मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार को भी आड़े हाथों लिया है.

उन्होंने लिखा है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्‍हाण को 26/11 के शहीद तुकाराम ओंबले की स्मारक पर खड़े होकर यह एलान करना चाहिए कि वे इस शहर में पाकिस्तानियों को घुसने नहीं देंगे. जो क्रिकेट प्रेमी यह बात समझता है उसे इन मैचों को नहीं देखने जाना चाहिए. खाली स्टेडियम ही पाकिस्‍तान के प्रति अपना विरोध होगा औऱ 26/11 के शहीदों के प्रति श्रद्धांजलि. राजीव शुक्ला, शरद पवार यह सभी खुशी से स्टेडियम में जाकर यह मैच देखें.

Advertisement
Advertisement