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राष्ट्रपति चुनाव: उम्‍मीदवारी पर जोर-शोर से हो रही सोदेबाजी!

रायसीना हिल्स में राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटील के बाद कौन राज करेगा, इसकी उलटी गिनती शुरू होने में अब कुछ ही दिन बच गए हैं. निर्वाचन आयोग ने कहा है कि वह जल्द ही राष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना जारी करेगा लेकिन सत्ताधारी कांग्रेस है कि वह अभी भी अपने सहयोगियों को टटोलने में ही लगी है जबकि सहयोगी चाहते हैं कि कांग्रेस पहले अपने उम्मीदवार का नाम घोषित करे फिर जाकर वह अपने पत्ते खोलेंगे.

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राष्‍ट्रपति भवन
राष्‍ट्रपति भवन

रायसीना हिल्स में राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटील के बाद कौन राज करेगा, इसकी उलटी गिनती शुरू होने में अब कुछ ही दिन बच गए हैं. निर्वाचन आयोग ने कहा है कि वह जल्द ही राष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना जारी करेगा लेकिन सत्ताधारी कांग्रेस है कि वह अभी भी अपने सहयोगियों को टटोलने में ही लगी है जबकि सहयोगी चाहते हैं कि कांग्रेस पहले अपने उम्मीदवार का नाम घोषित करे फिर जाकर वह अपने पत्ते खोलेंगे. बहरहाल, इस खेल में केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की उम्मीदवारी सबसे मजबूत होती दिख रही है. सोमवार को इसके संकेत भी मिले. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस की सहयोगी तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी भी प्रणब दा के नाम पर राजी हो गई हैं. समाजवादी पार्टी (सपा) ने कहा है कि वह किसी राजनीतिक व्यक्ति की उम्मीदवारी का ही समर्थन करेगी.

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पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने ब्याज में कटौती के रूप में विशेष पैकेज के मुद्दे पर केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की. राजनीतिक हलकों में कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी राष्ट्रपति पद के लिए प्रणब मुखर्जी की उम्मीदवारी का समर्थन करने के लिए केंद्र सरकार से विशेष पैकेज के मुद्दे पर सौदेबाजी कर रही हैं. ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल सरकार पर तकरीबन दो लाख करोड़ रुपये का कर्ज है और वह हर साल 22000 करोड़ रुपये ब्याज के तौर पर चुकाती है.

ममता ने राष्ट्रपति के उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी की उम्मीदवारी का समर्थन किया था. इस बीच, समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रपति चुनाव पर अपनी स्थिति तभी स्पष्ट करेगी जब कांग्रेस आधिकरिक रूप से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की घोषणा कर देगी.

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पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में मुलायम ने कहा कि सपा उम्मीदवार की योग्यता के आधार पर अपनी राय जाहिर करेगी. लगे हाथ उन्होंने पहली योग्यता उम्मीदवार का राजनीतिक होना बताया. केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी का नाम कांग्रेस के सम्भावित उम्मीदवार के रूप में सामने आने पर जब मुलायम से इस बारे में प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा, 'जब उम्मीदवार की घोषणा होगी तब हम फैसला करेंगे.'

बकौल मुलायम, 'मैं नहीं जानता कि कांग्रेस का उम्मीदवार कौन है. अखबारों में ऐसी कोई खबर नहीं आई है कि कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है.' उन्होंने कहा कि अभी तक राष्ट्रपति चुनाव के संदर्भ में किसी ने उनसे सम्पर्क नहीं साधा है. उन्होंने कहा, 'इस बारे में हमने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है. जब चुनाव नजदीक आएगा तो हम संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाएंगे और फिर फैसला करेंगे.'

मुलायम ने अपनी मांग एक बार फिर दोहराई कि राष्ट्रपति कोई राजनीतिक व्यक्तित्व को बनाया जाना चाहिए न कि किसी नौकरशाह को. यह पूछे जाने पर कि क्या सपा पूर्व राष्ट्रपति ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का नाम प्रस्तावित करेगी जैसा कि उसने 2002 के चुनाव में किया था. उन्होंने जवाब दिया, 'परिस्थितियां अब बदली हुई हैं.'

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कांग्रेस ने सोमवार को भी इस मुद्दे पर अपने पत्ते नहीं खोले. हालांकि पार्टी ने यह साफ करने की कोशिश की कि प्रणब की उम्मीदवारी को लेकर वह किसी प्रकार की सौदेबाजी में विश्वास नहीं करती. पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव और बंगाल को विशेष पैकेज देने का मसला अलग-अलग है और इसे जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए.

उधर, नए मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) वी.एस. सम्पत ने पदभार ग्रहण करने के बाद कहा कि निर्वाचन आयोग राष्ट्रपति चुनाव की तारीखें जल्द ही घोषित करेगा. राष्ट्रपति चुनाव के बारे में सम्पत ने कहा, 'तैयारी जोरशोर से चल रही है और चुनाव कार्यक्रम की घोषणा जल्द ही कर दी जाएगी.' चुनाव की तारीखों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'कुछ चौंकाने के लिए भी छोड़ दीजिए.'

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