केन्द्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव पर अल्पसंख्यक आरक्षण के नाम पर भ्रम फैलाने और घड़ियाली आंसू बहाने का आरोप लगाते हुए मुसलमानों की हालत को दलितों से भी बदतर बताया और उनके लिये पिछड़े वर्ग के आरक्षण में से कोटा निर्धारित किये जाने को तर्कसंगत करार दिया.
वर्मा ने यहां कहा, ‘अल्पसंख्यक आरक्षण पर मुलायम सिंह यादव का रुख सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक है. उन्हें तो इसका खुले तौर पर समर्थन करना चाहिये, लेकिन चुनाव में समय में वह यह कहकर समुदाय में भ्रम फैला रहे हैं कि वह आरक्षण अल्पसंख्यकों के लिये है, सिर्फ मुसलमानों के लिये नहीं.’
उन्होंने कहा कि सपा प्रमुख उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद अपनी पार्टी के सत्ता में आने पर मुसलमानों को 18 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कहते फिर रहे हैं, जो असम्भव है और यह छलावा मात्र है.
कभी यादव का दाहिना हाथ माने जाने वाले वर्मा ने सपा प्रमुख की मुसलमानों के तरफदार की छवि पर प्रहार करते हुए कहा कि वह इस तबके को लेकर सिर्फ घड़ियाली आंसू बहाते हैं.
उन्होंने कहा कि यादव ने राज्य में अपने पिछले कार्यकाल में पुलिस में 22 हजार कांस्टेबल की भर्ती की, जिनमें चयनित 74 प्रतिशत तो एक जाति विशेष के लोग थे और मुसलमानों की तादाद तो एक प्रतिशत भी नहीं थी.
वर्मा ने कहा, ‘मायावती ने कुछ इस तरह काम किया मानो वे पूरे प्रदेश के मुख्यमंत्री न होकर एक जाति विशेष की मुख्यमंत्री हों. इसी तरह मुलायम सिंह यादव के राज में सचिवालय ने 500 नियुक्तियां हुई और उनमें कोई मुस्लिम नहीं था.’
मुस्लिम आरक्षण के बारे में टिप्पणी के लिए चुनाव आयोग की नोटिस मिलने की घटना का उल्लेख होने पर, वर्मा ने कहा, ‘मैंने मुस्लिम समाज की दुर्दशा बहुत नजदीक से देखी है और वही तस्वीर मेरे दिमाग में बनी हुई है, जिसके चलते मैंने मुस्लिम आरक्षण को लेकर वह टिप्पणी की.’
उन्होंने कहा, ‘मेरी टिप्पणी राजनीति से प्रेरित नहीं थी. मैंने पिछड़े मुसलमानों की दुर्दशा देखी है, जिनके पास जमीन नहीं है, रोजगार नहीं है और आय का कोई स्थायी जरिया नहीं है. दलितों और अन्य वर्गों के लोगों को आरक्षण का लाभ मिला है, लेकिन पिछड़े वर्ग के लिए निर्धारित आरक्षण कोटे में शामिल होने के बावजूद मुसलमान उस वर्ग की ताकतवर जातियों से प्रतिस्पर्धा में आरक्षण का लाभ नहीं उठा सके, इसलिए उनके लिए अलग कोटे की आवश्यकता महसूस की गयी.’
वर्मा ने कहा कि प्रदेश में यदि कांग्रेस की सरकार बनती है तो मुसलमानों के लिए अलग से आरक्षण कोटा तय किया जायेगा, क्योंकि वे आज तक न्याय से वंचित हैं. स्वयं पिछड़े वर्ग से आने वाले वर्मा ने भाजपा द्वारा मुसलमानों को अलग से कोटा दिये जाने को पिछड़े वर्ग के अधिकारों में कटौती करार देने की आलोचना करते हुए कहा कि जनतंत्र में समाज के हर वर्ग के साथ न्याय होना चाहिए.
वर्मा ने कहा, ‘निषाद और राजभर जैसी नौ और जातियां हैं जो पिछड़े वर्ग में शामिल होने के बावजूद अपने लिए निर्धारित आरक्षण कोटे का फायदा नहीं उठा पा रही हैं. इसलिए बिहार की तर्ज पर उनके लिए भी अलग से आरक्षण कोटा तय किया जाना चाहिए.’