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बोफोर्स पर संसद के दोनों सदनों में हंगामा

बोफोर्स तोप सौदे में कथित दलाली के बारे में पूर्व स्विस पुलिस अधिकारी के खुलासे को लेकर विपक्षी राजग के भारी हंगामे के कारण लोकसभा और राज्‍यसभा की बैठक दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है.

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लोकसभा
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स्वीडन के पूर्व जांच अधिकारी स्टेन लिंडस्ट्राम के ताजा खुलासे की पृष्ठभूमि में गुरुवार को एक बार फिर संसद में विवादास्पद बोफोर्स तोप सौदे की गूंज उठी और प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने इस मामले की न्यायिक जांच कराए जाने की मांग की. सत्ता पक्ष ने हालांकि यह कहकर ऐसा करने से इनकार किया कि उच्चतम न्यायालय दिवंगत नेता राजीव गांधी को क्लीनचिट देकर पहले ही मामले को बंद कर चुका है.

इस मुद्दे को लेकर लोकसभा में भारी हंगामा हुआ जिसके चलते सदन की बैठक को साढ़े 12 बजे ही दोपहर बाद दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.

विपक्ष ने जहां इस मामले को नए सिरे से खोले जाने और इसकी न्यायिक जांच की मांग की तो वहीं सत्ता पक्ष ने बार बार दोहराया कि उच्चतम न्यायालय इस मामले में पहले ही पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को क्लीन चिट दे चुका है और अब लिंडस्ट्राम द्वारा भी इस सौदे में उनकी किसी प्रकार की भूमिका से इनकार किए जाने के बाद यह मुद्दा खत्म हो चुका है. सत्ता पक्ष का कहना था कि भाजपा को राजीव गांधी को बदनाम करने के लिए कांग्रेस पार्टी से माफी मांगनी चाहिए.

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गौरतलब है कि पूर्व स्वीडिश पुलिस प्रमुख लिंडस्ट्राम ने पिछले दिनों दिए एक साक्षात्कार में खुलासा किया है कि बोफोर्स घोटाले में राजीव गांधी के खिलाफ घूस लेने के कोई सबूत नहीं हैं लेकिन उनकी तत्कालीन सरकार ने इतालवी व्यापारी ओत्तावियो क्वात्रोच्चि के खिलाफ इस मामले में जांच को धीमा करने का प्रयास किया था.

प्रश्‍नकाल के बाद वरिष्ठ भाजपा नेता जसवंत सिंह ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि 25 साल बीत जाने के बावजूद बोफोर्स तोप की आंधी थमी नहीं है. उन्होंने कहा कि बोफोर्स अपने वक्त की बेहतरीन तोप थी लेकिन इसे गलत तरीके से खरीदा गया. उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी दुर्घटना थी जिसकी कीमत देश आज भी चुका रहा है. जसवंत सिंह ने इस मामले को हमेशा के लिए दफन करने के मकसद से इसकी न्यायिक जांच कराए जाने की मांग की.

माकपा के बासुदेव आचार्य ने इस मामले को फिर से खोले जाने तथा बोफोर्स मामले में रिश्वत लेने के आरोपी क्वात्रोच्चि को भारत प्रत्यर्पित किए जाने की मांग की.

कांग्रेस सदस्य संजय निरूपम ने आसन के समक्ष आकर नारेबाजी कर रहे भाजपा सदस्यों के हंगामे के बीच कहा कि उच्चतम न्यायालय पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को क्लीन चिट दे चुका है और अब लिंडस्ट्राम ने भी दिवंगत नेता का इस मामले में किसी भी प्रकार से हाथ होने से इनकार किया है. तो ऐसे में यह मामला खुद ही खत्म हो चुका है.

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उन्होंने कहा कि राजीव गांधी को बदनाम करने के लिए भाजपा को कांग्रेस से माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि पूर्व राजग सरकार ने सत्ता में आने पर सौ दिन के भीतर क्वात्रोच्चि को भारत प्रत्यर्पित कराने का दावा किया था लेकिन कहां गए वो सौ दिन? निरूपम ने सालों तक मुद्दे का राजनीतिक दोहन करने के लिए भाजपा की कड़ी भर्त्सना भी की.

सदन में इस मुद्दे को लेकर भारी हंगामा और भाजपा सदस्यों की नारेबाजी जारी रहने पर अध्यक्ष मीरा कुमार ने बैठक साढ़े 12 बजे दोपहर बाद दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

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