न्यूजीलैंड के खिलाफ हाल की टेस्ट सीरीज में सचिन तेंदुलकर की नाकामी के कारण यह चर्चा शुरू हो गई है कि क्या उन्हें संन्यास ले लेना चाहिए लेकिन वेस्टइंडीज के दिग्गज बल्लेबाज ब्रायन लारा का मानना है कि यह भारतीय स्टार अभी दो साल और खेल सकता है.
लारा ने कहा, ‘मैं जानता हूं कि वह खेल के टी-20 प्रारूप से पहले ही बाहर हो चुके हैं. मुझे पक्का पता नहीं है कि वह अभी 50 ओवर के मैच खेल रहे हैं या नहीं लेकिन जहां तक टेस्ट क्रिकेट का सवाल है तो वह अभी दो साल और खेल सकते हैं. वह अब भी टेस्ट और एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ढेरों रन बना सकते हैं.’
भारतीय बल्लेबाज से एक साल बाद अपना अंतरराष्ट्रीय करियर शुरू करने वाले वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान ने कहा कि तेंदुलकर का कोई जवाब नहीं है और जब भी संन्यास लेंगे तो क्रिकेट जगत को उनकी कमी खलेगी.
उन्होंने कहा, ‘मैं समझता हूं कि उन्होंने (तेंदुलकर) बेहतरीन भूमिका निभाई है. जिसने, मुझे पक्का पता नहीं है कि 15 या 16 साल से (अंतरराष्ट्रीय) क्रिकेट खेलना शुरू किया हो और वह अभी खेल रहा है. इस तरह से उन्होंने मेरे से एक या दो साल पहले खेलना शुरू किया और मेरे संन्यास लेने के पांच साल बाद भी वह खेल रहे हैं.’
लारा ने कहा, ‘वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 25 साल पूरे करने के करीब हैं तथा केवल सचिन को ही नहीं बल्कि सारे भारतीयों को इस पर गर्व होना चाहिए.’ कुल 131 टेस्ट मैच में 11,953 रन बनाने वाले लारा के नाम पर टेस्ट मैचों की एक पारी में सर्वाधिक 400 रन बनाने का रिकार्ड दर्ज है. उन्होंने कहा कि कौशल और क्षमता के मामले में तेंदुलकर बाकी से मीलों आगे हैं.
उन्होंने कहा, ‘हम जानते हैं कि वह चोटों से भी परेशान रहे लेकिन अपने कौशल और बेजोड़ क्षमता के कारण वह इतने लंबे समय तक रनों का अंबार लगाने और शीर्ष पर बने रहने में सफल रहे. मैं मानता हूं कि उन्होंने शानदार भूमिका निभाई है और जब वह संन्यास लेंगे तो विश्व क्रिकेट को उनकी बहुत कमी खलेगी.’
लारा ने कहा कि तेंदुलकर भद्रजन है और ऐसे क्रिकेटर है जिस पर विश्व क्रिकेटर को हमेशा नाज रहेगा. उन्होंने कहा, ‘मैं कुछ अवसरों पर उनके साथ और उनके खिलाफ खेला. मैं समझता हूं कि वह भद्रजन हैं और विश्व क्रिकेट को उन पर नाज होना चाहिए.’
लारा ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी की भी तारीफ की और कहा कि भारतीय कप्तान को अपना भविष्य तय करने की छूट मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘पिछले चार-पांच सालों में उन्होंने भारतीय कप्तान के रूप में बेहतरीन भूमिका निभाई है. मैं समझता हूं कि उनको लेकर सवाल उठाए जाते रहे हैं लेकिन केवल वही जानते हैं कि उन्हें कब संन्यास लेना है. कोई भी कप्तान बर्खास्त होना पसंद नहीं करता. इसलिए उन्हें अपना भविष्य खुद तय करने की छूट मिलनी चाहिए.’
लारा ने कहा कि वेस्टइंडीज की टीम यदि इकाई के तौर पर खेलती है तो वह भी खिताब जीत सकती है. उन्होंने कहा, ‘वेस्टइंडीज की टीम बहुत अच्छी है लेकिन वे टुकड़ों में अच्छा प्रदर्शन करते हैं. उनके पास सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज, सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज और सर्वश्रेष्ठ आलराउंडर हैं लेकिन उन्हें सामूहिक रूप से प्रदर्शन करना होगा. समूह के रूप में वे वास्तव में खतरनाक हैं और हम खिताब के दावेदार हैं.’
लारा ने खेल के सबसे छोटे प्रारूप के बारे में कहा कि खेल को अभी इसकी जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘टी-20 बहुत रोचक प्रारूप है. क्रिकेट को अभी इसकी जरूरत है. हमने इस प्रारूप में कई आकषर्क खिलाड़ी देखें. मैं भी इसे खेलना पसंद करता लेकिन अभी मैं दर्शक बनकर ही लुत्फ उठा रहा हूं.’