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किराया बढ़ाए बिना रेल बजट होगा चुनौतीपूर्ण

वर्षो से रेल किराए में वृद्धि नहीं हुई है और विस्तार के लिए भारतीय रेल के पास अधिक संसाधन भी नहीं हैं. इसे देखते हुए रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी के लिए 14 मार्च को रेल बजट प्रस्तुत करना चुनौतीभरा होगा.

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दिनेश त्रिवेदी
दिनेश त्रिवेदी

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वर्षो से रेल किराए में वृद्धि नहीं हुई है और विस्तार के लिए भारतीय रेल के पास अधिक संसाधन भी नहीं हैं. इसे देखते हुए रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी के लिए 14 मार्च को रेल बजट प्रस्तुत करना चुनौतीभरा होगा.

पिछले कुछ सालों से वित्तीय कुप्रबंधन के कारण पिछले साल 20 हजार करोड़ रुपये की बजटीय सहायता तथा छह फरवरी को 3000 करोड़ रुपये के ऋण की मंजूरी के बाद भी भारतीय रेल की आय 7000 रुपये कम रही.

रेलवे बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष आर.के. सिंह ने कहा कि यात्री किराया वर्षों से बढ़ाया नहीं गया है. रेलवे को अतिरिक्त मार्गो पर निवेश करना है और अधिक रैक बनाने हैं. अनुमानों के मुताबिक किराए में 25 फीसदी वृद्धि करने से रेलवे को 12,500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय हो सकती है. यह रेलवे के लिए काफी काम की होगी, जो रोजाना 10,500 रेलगाड़ियों पर 2.2 करोड़ यात्रियों को ढोती है. किराए में पिछली बार 2002-03 में वृद्धि की गई थी.

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रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि कठिन स्थिति है. उन्होंने कहा कि इस बार भी कुछ होने की सम्भावना नहीं है, क्योंकि त्रिवेदी तृणमूल कांग्रेस के सांसद हैं, जो किराया बढ़ाने की विरोधी है. पिछली बार 2002-03 में भी किराए में एक रुपये से छह रुपये तक की वृद्धि की गई थी. किराए में वृद्धि नहीं किए जाने से आज रेलवे से होने वाली पूरी आय इसके संचालन पर खर्च हो जाती है.

सिंह ने कहा कि सभी बड़ी परियोजनाएं रुकी हुई हैं. किराए में वृद्धि की कई सिफारिशें की गई हैं, क्योंकि यही एक मात्र रास्ता बचा है. संसद की रेलवे कनवेंशन समिति, योजना आयोग और यहां तक कि सम्बंधित मजदूर संघ भी किराया बढ़ाने का समर्थन कर रहे हैं. लाख टके का सवाल यह है कि क्या तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री ममता बनर्जी किराया बढ़ाए जाने की अनुमति देगी? इस बात का जवाब 14 मार्च को ही मिलेगा, जब उनके सहयोगी त्रिवेदी अपना पहला रेल बजट प्रस्तुत करेंगे.

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